विहिप का स्थापना दिवस समारोह मनाया गया
डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVE- संवाददाता- दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)
ओबरा सोनभद्र विश्व हिंदू परिषद,जनपद सोनभद्र के ओबरा प्रखंड में मना विहिप का स्थापना दिवस समारोह मुख्य वक्ता नरसिंह त्रिपाठी प्रांत प्रमुख धर्म प्रसार, अध्यक्षता आदित्य जायसवाल प्रखंड अध्यक्ष, संचालन प्रखंड मंत्री मनोज सिंह ने किया।बैठक में उपस्थित वरिष्ठ प्रखंड उपाध्यक्ष श्रीमान रामबरन चौहान जी ने राम जन्मभूमी के इतिहास का संक्षिप्त विवरण देते हुए ओबरा प्रखंड के समकालीन विहिप के कार्यकर्ताओं के उस समय किए गए क़ार सेवा के विषय में बताया।नरसिंह त्रिपाठी जी ने विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना के हेतु, निमित्त और संकल्प के विषय में बताते हुए कहा कि “सर्वे हिन्दू सहोदरा न हिंदू पतितो भवतु।
मम दिक्षा हिंदू रक्षा मम मंत्र समानता। के मूल भाव के साथ समस्त हिंदू समाज को एक जुट करने के उद्देश्य से संचालित इस संगठन के संस्थापकों में स्वामी चिन्मयानंद, एसएस आपटे, मास्टर तारा सिंह थे। पहली बार 21 मई 1964 में मुंबई के संदीपनी साधनाशाला में एक सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध के कई प्रतिनिधि मौजूद थे। सम्मेलन में कहा गया कि भारत के सभी मताबलंवियों को एकजुट होने की जरूरत है। आगे यह फैसला किया गया कि यह गैर-राजनीतिक संगठन होगा और राजनीतिक पार्टी का अधिकारी विश्व हिंदू परिषद का अधिकारी नहीं होगा।
संगठन के उद्देश्य और लक्ष्य कुछ इस तरह तय किए गए।हिंदू समाज को मजबूत करना।हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्द्धन और प्रचार विदेशों में रहनेवाले हिंदुओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना और मदद करना।अखण्ड भारत की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए आपने बताया कि प्राचीन समय के अविभाजित स्वरूप को कहा जाता है। प्राचीन काल में भारत बहुत विस्तृत था जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बर्मा, थाइलैंड शामिल थे।कुछ देश जहाँ बहुत पहले के समय में अलग हो चुके थे वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि अंग्रेजों से स्वतन्त्रता के काल में अलग हुये।ये संगठन भारत से अलग हुये इन देशों को दोबारा भारत में मिलाकर अविभाजित भारत का निर्माण चाहते हैं। अखण्ड भारत का निर्माण सैद्धान्तिक रूप से संगठन (हिन्दू एकता) तथा ‘शुद्धि से जुड़ा है। बैठक में उपाध्यक्ष भीम राय , राजेश जिंदल, कार्याध्यक्ष कमलेश दुबे के अलावा ऋषिकेश की , नरसिंह त्रिपाठी जी, राम करन जी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।