इस बार चुनाव में नहीं दिखेंगे रघुवंश, पासवान एवं लालू, कमी महसूस करेगी वैशाली

 इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में वैशाली तीन दिग्गजों की कमी महसूस कर रहा है। रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) और रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कर्मभूमि रही है वैशाली की धरती। दोनों का निधन हो गया है। लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जेल में हैं। हर बार की तरह पिछले चुनाव में भी इन तीनों नेताओं ने यहां की जनता को प्रभावित करने के लिए अपनी खास शैली में भाषण दिए थे, लेकिन इस चुनाव में तीनों सीन से बाहर हैं।

लालू वैशाली से करते थे चुनाव अभियान का आगाज

मुख्यमंत्री (CM) रहते 1995 से 2000 तक वैशाली के राघोपुर (Raghopur Assembly Seat) से विधायक और बिहार एवं देश की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी लालू प्रसाद यादव विधानसभा के प्रत्येक चुनाव का आगाज वैशाली से ही करते रहे। प्रत्येक चुनाव में वैशाली राजनीतिक गलियारे में चर्चे में रहा है। बीते चुनाव में लालू ने राघोपुर के तेरसिया से चुनावी अभियान का आगाज किया था। यहीं से लालू ने अपने बेटों तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) एवं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को राजनीति में स्थापित कर पहली बार विधानसभा में पहुंचाया था। नीतीश के साथ लालू यहां हाजीपुर के शुभई में पहली बार एक मंच पर आए थे।

नहीं दिख रहा रघुवंश बाबू का ठेठ गंवई अंदाज

वैशाली जिले के महनार निवासी पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के काफी लंबे समय तक राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) में रहे। हर चुनाव में वह विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अपने दल के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते थे। गंवई अंदाज में भाषण देते थे। उनके बयान नए विवाद खड़े करते थे।

चर्चा में रामविलास पासवान की गैर मौजूदगी
रामविलास पासवान की गैर-मौजूदगी भी हाजीपुर में चर्चा बटोर रही है। वे लंबे समय तक वैशली से जुड़े रहे। हाजीपुर की धरती को अपनी मां कहते थे। यहां भाषणों में वे लंबी-लंबी कविताएं सुनाते थे। इस बार उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रत्याशी कमी महसूस कर रहे हैं।

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