चंदौली का रहने वाला है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट रशीद, एटीएस ने पकड़ा
सेना के ठिकानों और सीआरपीएफ कैंपों की जानकारी भेजता था दुश्मन को
गिरफ्तार आईएसआई एजेंट रशीद अहमद, साल 2018 में गया था कराची
वाराणसी। मिलिट्री इंटेलिजेंस की निशानदेही पर एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इस एजेंट सेमिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी कड़ी पूछताछ कर रहे हैं। गिरफ्तार एजेंट के पाकिस्तानी खुफिया विभाग के सीधे संपर्क में होने की पुख्ता खबर मिली है। शुरुआती जांच-पड़ताल में पाक जासूस ने खुद को चंदौली का निवासी बताया है। साथ ही उसने सेना की कई गोपनीय जानकारी पाकिस्तान सेना को भेजने की पुष्टि की है।
पाकिस्तानी जासूस नाम रशीद अहमद चंदौली जिले के चौरहट का निवासी है। साल 2018 में वो कराची गया था। वहां उसकी मौसी रहती है। पाक दौरे के समय ही वो आईएसआई के संपर्क में आया। मार्च 2019 से उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने मोटी धनराशि और महंगे गिफ्ट दिए। इसके एवज में उसने महत्वपूर्ण स्थानों और सैन्य ठिकानों की तस्वीरें आईएसआई को भेजनी शुरू कर दी। सूत्र बताते हैं कि बनारस समेत पूर्वांचल और अन्य राज्यों के सामरिस स्थानों के बारे में पाकिस्तानी सेना को गोपनीय सूचनाएं भेजा करता था।
बनारस में रशीद की गिरफ्तारी को खुफिया एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। एटीएस रशीद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने अपने देश के किन सुरक्षा प्रतिष्ठानों का ब्योरा पाकिस्तान भेजा। एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि पाकिस्तान किस माध्यम से उसे कितनी धनराशि और उपहार मिले। रशीद के पास एक मोबाइल फोन भी मिला जिससी डिटेल्स भी खंगाली जा रही है। इसी फोन से वह सैन्य तथा चंदौली में सीआरपीएफ के ठिकानों की फोटो खींचकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई को भेज रहा था। वह इस दौरान सेना के साथ सीआरपीएफ के ठिकानों की भी रेकी कर चुका था।
खबर है कि 23 वर्षीय राशिद अहमद पुत्र इदरीस अहमद ने वाराणसी में बीएचयू के छित्तूपुर में रहकर इस काम में लगा था। राशिद वाराणसी में पोस्टर और बैनर लगाने का काम करता है। इसी बीच वो सीआरपीएफ और वाराणसी समेत कई स्थानों की रेकी कर पाकिस्तान तस्वीरें भेजता था। सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के मुताबिक राशिद पाकिस्तान में दो बार ट्रेनिंग ले चुका है। राशिद पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ हैंडलर के सीधे संपर्क में था।
सूत्र यह भी बताते हैं कि राशिद पाकिस्तानी सेना के इशारे पर जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी देने में लगा था। आजकल वो वाराणसी कैंट और अमेठी स्थित सीआरपीएफ के बारे में पाकिस्तान को जानकारी दे रहा था। वह लगातार व्हाट्सएप पर फोटो भेज रहा था। पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर उसको भारतीय सिम एक्टिवेट ओटीपी दिए गए थे। भारतीय सिम कार्ड पर व्हाट्सएप एक्टिव कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपना एजेंडा चला रही थी। आरोपी के पास से नकदी भी बरादम हुई है।