पटना. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने श्रम संसाधन विभाग (Labor Resources Department) की समीक्षा बैठक की.इस दौरान सुशील मोदी ने निर्देश दिया कि चिकित्सा सहायता से वंचित 2,76,000 निर्माण श्रमिकों को निर्धारित 3000 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से सहायता राशि जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए निर्माण एजेंसियों से 1 प्रतिशत की दर से सेस के रूप में संग्रहित 1815.72 करोड़ की राशि मिली है. जबकि अभी तक लगभग 6,70,903 निर्माण श्रमिकों (Construction Workers) को 288.98 करोड़ रुपये की राशि चिकित्सा सहायता के रूप में उपलब्ध कराई गयी है. लगभग 20 प्रकार के निर्माण कार्य में लगे लगभग 9,46,000 सक्रिय लाभुकों को अब तक 511.97 रुपये के व्यय से विभिन्न योजनाओं के तहत लाभांवित किया गया है.
बहरहाल, डिप्टी सीएम सुशील मोदी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिंहा के साथ अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार और अन्य विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे.
मोदी ने दिए ये निर्देश
सुशील मोदी ने यह निर्देश भी दिया कि मजदूरों के कल्याण के लिए संग्रहित की जाने वाली सेस की राशि निजी क्षेत्र की निर्माण एजेंसियों से नगर निगम और नगर परिषद द्वारा नक्शा पारित करने के समय ही जमा करा ली जाए. हालांकि सरकारी एजेंसियों की तुलना में निजी प्रक्षेत्र की एजेंसियों द्वारा काफी कम राशि जमा की जा रही है. उन्होंने बताया कि केन्द्रीय प्रक्षेत्र की निर्माण एजेंसियों द्वारा भी सेस की राशि जमा करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया जा रहा है. साथ ही सुशील मोदी ने मजदूरों के कल्याणार्थ चल रही मातृत्व लाभ, मृत्यु लाभ, चिकित्सा लाभ आदि योजनाओं को पुनर्गठित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी योजना को पुनर्गठित कर 3-4 योजनाएं बनाएं, ताकि सभी लाभुकों को प्रत्येक वर्ष सम्मानजनक राशि दी जा सके.
राज्य सरकार खर्च करेगी 80 करोड़ रुपये
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के 18-40 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 5,21,000 निबंधित मजदूरों को कवर करने के लिए राज्य सरकार 5 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 80 करोड़ रूपये खर्च करेगी. इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा भी प्रति वर्ष इतनी ही राशि दी जाएगी.