कोतवाली दुद्धी के प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह बने पुलिस उपाधीक्षक- दुद्धी में लगा बधाईयों का अंबार
धूल धुल गई जब सच के आइने से,
मेरी कोशिशों का असर रंग दिखाता रहा।
टूट रहा था वो पत्थर भी धीरे-धीरे,
साध निशाना मैं वार हर बार बरसाता रहा।
बिखर रहा था वो इस चोट से ज़र्रा-ज़र्रा,
देख साहिल मैं उस पार रास्ता बनाता रहा।
कट गया पत्थर मेरी रुकावटों का,
धुन उमंग के गीतों की मैं गाता रहा।
चट्टान सी खड़ी रही मुसीबतें
मैं सागर की लहरें बन टकराता रहा।
(कोतवाली दुद्धी के प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह)
दुद्धी तहसील जिला सोनभद्र आज दुद्धी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह किसी परिचय के मोहताज नही है। कहते है कि, प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नही होता है। यही बाते लागु होती है तेज तर्रार पुलिस इंस्पेक्टर अशोक सिंह पे। उनके पर किसी भी प्रकार का दबाब काम नही करता है। इंसाफ पसन्द व सरल स्वभाव के अशोक सिंह कहते है के दुर्दांत अपराधियो का अंत करना और पीड़ित को न्याय के लिये अपराधियो को न्यायालय तक पहुचाना ही वर्दी पहनने का मुख्य मकसद है।इन्होंने अपने कार्यकाल में अपने विभाग के प्रति उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन किया है।
आपको बताते चले के आजमगढ़ के बबुरा निवासी (वर्तमान में वाराणसी में भी आवासीय व्यवस्था है) अशोक सिंह की पुलिस विभाग में जाइनिंग 2001 मे हुइ थी।ये इटावा, हरदोइ, वाराणसी, चंदौली कई थानो के प्रभारी रह चुके है। इन्होने पहला एनकाउंटर इटावा मे रहने के दौरान आतंक का प्रयाय बन चुके 50 हजार के इनामिया लाखन सिंह राजपूत का किया था।वर्तमान मे अशोक सिंह दुद्धी एसएचओ के पद पे तैनात है। वाराणसी मे एसओजी मे रहने के दौरान इन्होने 4 जून 2010 को उत्तर प्रदेश पुलिस के लिये सरदर्द बन चुके कुख्यात 1.5 लाख के इनामिया संतोष उर्फ किट्टू और उसके साथी जो एक माननीय का गनर था उसका फिल्मी स्टाइल मे तेलियाबाग मार्ग के पास लाइव एनकाउंटर किये थे।इसी एनकाउंटर के बाद अशोक सिंह आउट आफ टर्न इंस्पेक्टर बने थे।आपको बताते चले के 1.5 लाख के इनामिया कुख्यात संतोष उर्फ किट्टू के एनकाउंटर के उस समय के अपराधियो के काल के रूप मे विख्यात एसओजी टीम मे डीएसपी गिरिजा शंकर त्रिपाठी के साथ अशोक सिंह,दरोगा वृन्दावन राय,दरोगा विजय प्रताप सिंह,दरोगा अमरेश सिंह बघेल,चंद्रभान सिंह(वर्तमान डाला चौकी इंचार्ज),ज्ञानेन्द्र सिंह(वर्तमान एसओजी प्रभारी) सहित कइ लोग शामिल थे।कुख्यात संतोष उर्फ किट्टू ने ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बरार के रिश्तेदार की मोहाली में हत्या की थी, मेरठ के कंकड़खेड़ा में ब्लाक प्रमुख को दिनदहाड़े गोली से उड़ाया था,इसने ही जेल में कुख्यात अनु त्रिपाठी की हत्या कर सनसनी मचाया था। अशोक सिंह की एसओजी टीम ने ही लक्सा मे हुये बीजेपी पार्षद विजय वर्मा के हत्यारे लालू वर्मा जो कुख्यात संतोष उर्फ किट्टू का साथी था उसका नोयडा मे एनकाउंटर किया था।लंका मे हेड कांस्टेबल की एके 47 से श्याम कश्यप उर्फ सनी ने हत्या किया था।इसी एसओजी टीम ने श्याम कश्यप उर्फ सनी का भी एनकाउंटर किया था।उस समय अशोक सिंह की एसओजी टीम ने 4 दर्जन से भी ज्यादा कुख्यात माफियाओ का इनकाउंटर किया था।
अथक परिश्रम जीवन में जब हम
करते हैं
आनंद भरा जीवन तब हम
पाते हैं
जीवन के हर क्षेत्र में
सफलता परिश्रमी को मिलती है
उन्नति के शिखर पर ले जाने में
कठोर परिश्रम ही साथ देती है
कब तक बचोगे परिश्रम से
कब तक भागोगे मेहनत से
कब तक बैठे रहोगे बिना उधम के
कब लोगे सहारा अपने पुरुषार्थ के
मन में इच्छा करने से
सिद्ध नहीं होते कार्य
निरंतर परिश्रम करने वाले
कर देते हैं भाग्य को भी परास्त ||
सफलता आपकी कदमों को इसी तरह चूमती रहें
अशोक सिंह के पुलिस उपाधीक्षक बनने पर लोगों ने बधाई व शुभकामना दिया है।