अब करहिया-घोड़दाहा में काटे गए जंगल के हरे वृक्ष

अब करहिया-घोड़दाहा में काटे गए जंगल के हरे वृक्ष
महुली (सोनभद्र): रेणुकूट वन प्रभाग के विढमगंज रेंज में जंगल से हरे पेड़ों की कटान थमने का नाम नहीं ले रही है। फूलवार के समीप सुईचट्टान पहाड़ी व आस-पास के इलाके में सैकड़ों बीघा के जंगल का पहले ही सफाया हो चुका है, अब सी रेंज के करहिया-घोड़दाहा जंगल में हरे वृक्ष काटे लिए गए हैैं। वन विभाग की प्रारंभिक जांच में यहां साखू, खैर, हल्दू व सिद्धा का वृक्ष काटे जाने का मामला प्रकाश में आया है। कटान करने वालों को चिह्नित करके विभाग कार्रवाई कर रहा है।

साथ ही मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।घीचोरवा वन चौकी से महज दो किलोमीटर दूर घोड़दाहा नाला के पास साखू, खैर, आसन के पेड़ करीब दो महीने से काटे जा रहे हैं। जंगल में मवेशी चराने जाने वाले बताते हैं कि सैकड़ों वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलने से वे धराशाई हो चुके हैं। वनकर्मियों की लापरवाही का नतीजा है कि जहां जंगल काटे जा रहे हैं वहां खेती की भी तैयारी होने लगी है। करहिया, बगरवा, घिचोरवा, जोरकहू जंगलों के कटान से पर्यावरण प्रेमियों में रोष है। वे इसकी विस्तृत जांच कराकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जंगल में हरे वृक्ष कटान करने के मामले में ठोस कार्रवाई न होने से इस तरह से कटान हो रही है। अगर विस्तृ जांच हो जाए तो कई वन कर्मियों की गर्दन फंस सकती है जांच कर की गई है कार्रवाई

रेणुकूट वन प्रभाग के डीएफओ एमपी सिंह बताते हैं कि विढमगंज रेंज में जंगल से हरे वृक्ष काटे जाने की सूचना पर जांच की गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की गई। कई लोगों के खिलाफ वन अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया। उनकी तलाश की जा रही है। विभागीय कर्मियों पर कार्रवाई के सवाल पर कहते हैं कि किसी भी संलिप्तता के ठोस प्रमाण नहीं मिले। ग्रामीण कहते हैं कि अगर सोनभद्र वन प्रभाग की तरफ कार्रवाई हो तो कटान रूक सकती है। जैसा कि सिलहट इलाके में एक साल के भीतर 16 पेड़ काटे जाने के मामले में दो कर्मियों पर भी कार्रवाई हुई। इससे कर्मियों में भय रहेगा कि अगर काम नहीं करेंगे, जंगल कटेगा तो कार्रवाई होगी। कुछ वृक्ष काटे जाने की शिकायत मिली है। डीएफओ को निर्देश दिया गया कि मामले की विस्तृत जांच कराएं। जांच के आधार पर कर्रवाई करें। सुईचट्टान वाले मामले में 13 लोगों पर कार्रवाई हुई थी। अगर किसी वनकर्मी की लापरवाही मिली तो उसमें भी कार्रवाई होगी।

– रमेश कुमार झा, मुख्य वन संरक्षक-मीरजापुर

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