संवाददाता- उपेन्द्र कुमार तिवारी (जिला ब्यूरो/ सोनभद्र / उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नंबर- +919451228649
भारतीय जनता पार्टी विंढमगंज मण्डल के धोरपा व महुवारिया रेलवे स्टेशन पर मण्डल के प्रभारी भाजपा नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र कुमार अग्रहरि ने कार्यकर्त्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में विपक्षी पार्टियों द्वारा नागरिकता संसोधन अधिनियम (C A A)पर बवाल खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यको को भारतीय नागरिकता प्रदान करने से सम्बंधित है।
इन देशों में पिछले कई दशकों से हिन्दुओ ,सिख,जैन,बौद्ध,और पारसी व ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो के साथ शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।इसलिए इन धर्मो के अनुयायी समय समय पर विस्थापित होकर भारत आते रहे है।तकनीकी तौर पर उनके पास भारत की नागरिकता हासिल करने का कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं होता हैं।अतः वे एक भारतीय नागरिक को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली के अनुसार (डॉन 13 मई 2014)हर साल 5000विस्थापित हिन्दू भारत आते है।यह संख्या आधिकारिक आकड़ो से बहुत ज्यादा है।हमारे पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यको खासकर हिन्दुओ को जबरन धर्म परिवर्तन , नरसंहार, बलात्कार, और संपत्तियों पर अवैध कब्जा सहना पड़ता है।इन सबसे बचकर जब वह भारत आते है तो यहाँ उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल सकती।यह पूर्ण रूप से मानवीय अधिकारों का उल्लंघन व हनन है। इसलिए संसद में नागरिकता संसोधन बिल (CAB)लाया गया जो 9 दिसम्बर को लोकसभा और 11 दिसम्बर को राज्यसभा में मंजूरी दे दी गई।12 दिसम्बर 2019 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी जो नागरिकता संसोधन अधिनियम(CAA) बन गया जो धार्मिक प्रताड़ना के पीड़ित शरणार्थियों को स्थायी राहत देगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू,सिख, बौद्ध,जैन,पारसी और ईसाई समुदायों के लोगो को भारतीय नागरिक बनाने का प्राविधान है। ऐसे शरणार्थी जिन्होंने 31 दिसम्बर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है उन्हें हर हाल में भारत की नागरिकता मिलेगी। CAA 2019 बनने से पहले तीन देशों के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नागरिकता अधिनियम1955 की धारा 5 के अधीन नागरिकता के लिए आवेदन करते थे किन्तु यदि वे अपने भारतीय मूल का सबूत देने में असमर्थ थे तो उन्हें उक्त अधिनियम की धारा 6 के तहत “प्राकृतिकरण’ द्वारा नागरिकता के लिए आवेदन करने को कहा जाता था।यह उनको बहुत से अवसरों एवम लाभो से वंचित करता था।इसलिए नागरिकता अधिनियम1955 की तीसरी अनुसूची का संसोधन कर इन देशों के उक्त समुदायों के आवेदकों को प्राकृतिकरण द्वारा नागरिकता के लिए पात्र बनाया गया है।इसके लिए ऐसे मौजूद लोगों को मौजूदा 11 वर्ष के स्थान पर 5 वर्षो के लिए अपनी निवास अवधि को प्रमाणित करना होगा।
धोरपा गाँव के नसरुल्लाह अन्सारी व ऐशु निशा , महुली के डॉक्टर बदरुद्दीन सहित हुमेल दोहर के जसमुद्दीन , मुर्तुजा ,नजमुद्दीन ने नागरिकता संसोधन अधिनियम को सराहा।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला मंत्री सोहराब खान , अशोक कुमार, उदय शर्मा ,राजू शर्मा ,धनुर्धारी यादव सहित कई लोग उपस्थित रहे।।