==सत्येन्द्र तिवारी की रिपोर्ट==
मंडला, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग सहित जिले के विभिन्न विभागों के आधीन कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों एवं स्थाईकर्मियों ने आज कलेक्टर एवं अन्य कार्यालयप्रमुखों को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई है कि, उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जावे। मुख्य रूप से शासनादेशों के अनुरूप वेतन भत्ते एवं अवकाश आदि की अन्य सुविधाएं न मिलने, ओवरटाइम काम करवाने जैसी समस्याओं के कारण श्रमिक परेशान हैं।
कार्यालयप्रमुखों और उनके बाबुओं द्वारा अच्छा व्यवहार न किये जाने की भी समस्या है, आज भी श्रमिकों के साथ बदतमीजियां की जाती हैं, और बंधुआ मजदूर की तरह बर्ताव किया जाता है। हमेशा की तरह इस बार भी अधिकारियों ने समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है। यदि अति शीघ्र प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया तो, श्रमिक श्रम न्यायालय की शरण लेंगे या आंदोलन की रुपरेखा तैयार करने पर विचार करेंगे।
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सीमित संख्या में प्रतिनिधि इस दौरान उपस्थित हुए। इनमें नोखेदास सोनवानी, दिनेश ठाकुर, ओ पी कोकाटे, मंगल सिंह यादव, प्रदीप दुबे, राधेलाल नरेटी, व्रजकिशोर रावत, तामसिंह ठाकुर संतोष यादव, रामदीन वैरागी, संतलाल, रमेश वैरागी, खिलोन मरावी, रम्मूलाल, भगतसिंह आदि शामिल हैं।।