सूझबूझ के अभाव का खामियाजा भुगत रहे व्यापारी

सूझबूझ के अभाव का खामियाजा भुगत रहे व्यापारी

-संवेदनहीन कुछ अधिकारी भी कम जिम्मेदार नहीं

डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVEसंवाददाता- दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)

ओबरा सोनभद्र उजाड़ी जा रही बस्ती में असमय हुई चार व्यापारियों की मौत की एक वजह कुछ अधिकारियों की असंवेदनशीलता रही है।

असंवेदनशील अधिकारियों को समझने में हम सबकी कमी भी कम नहीं रही है। इसलिए लोगों का अनुमान गलत साबित हो गया, वहीं उजाड़ी गई दुकानों से हजारों की रोजी-रोटी गई है।

नुकसान व्यापारियों का हुआ है। इसलिए जिम्मेदारी भी हम सबकी बनती है। कुछ असंवेदनशील अधिकारियों की वजह से सम्बंधित विभागों के उच्चाधिकारियों को भी पीड़ा है। तीन अक्टूबर को तोड़ी गई सैकड़ों दुकानों से व्यापारियों, संवेदनशील उच्चाधिकारियों व जन सामान्य को बड़ा झटका लगा है।वहीं ओबरा की गहरी पारिवारिक संस्कृति की जड़ों को झकझोर दिया है। कुछ अधिकारियों की खुद की सोच ने बड़े अधिकारियों को भी मौन साधने के लिए मजबूर कर दिया है।

उक्त बातें गल्ला मंडी में रविवार की देर रात हुई ओबरा बाजार बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में अध्यक्षता कर रहे संयोजक आचार्य प्रमोद चौबे ने कही।संयोजक ने कहा कि आंदोलित व्यापारियों को 15 फीट छोड़कर दीवार बनाने के भरोसे को बिजली प्रबंधन क्रियान्वित कर देता। इससे तोड़ी गई दुकानें बच गई होती। इन स्थानों को छोड़ने से किसी भी प्रकार की अड़चन 1320 मेगावाट की बिजली परियोजना की स्थापना में नहीं आ रही थी। उन दुकानों में बहुत से चबूतरे खुद बिजली प्रबंधन ने आवंटित कर रखा था। शासन, प्रशासन और बिजली प्रबंधन ने पूर्व में संवेदनशीलता का पूर्ण परिचय देते हुए डकैया पहाड़ी आदि के क्षेत्रों के सैकड़ों परिवारों को सेक्टर दस के शांति नगर में जगह दी है। बिजली विभाग के संवेदनशील अधिकारी उजाड़ी गई दुकानों को स्थान देकर व्यापारियों की रोजी-रोटी बहाल कर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन जरूर करेंगे। कुछ अधिकारियों के व्यक्तिगत फैसले से संवेदनशील सरकार की भी छवि खराब हुई है। बैठक में रमेश सिंह यादव, विपिन कश्यप, सुशील कुशवाहा, मिथिलेश अग्रहरि, रविंदर गर्ग,लालबाबू सोनकर, मुस्लिम अंसारी, संजय गुप्ता, इरशाद अहमद, शमशेर खान, गिरीश कुमार पांडेय, अनिल चौधरी, मोहम्मद अहमद आदि मौजूद रहे।उच्चाधिकारियों से मिलेगा। प्रतिनिधि उजाड़ी गई दुकानों के पुनर्वास और अन्य दुकानों के नहीं उजाड़े जाने के मसले पर संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मंडल मिलकर अपनी बात रखेगा और अंत्योदय की सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करने की अपेक्षा करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *