जननी सुरक्षा योजना का भुगतान रोकने पर दर्ज कराएं एफआइआर

सोनभद्र : मुख्य चिकित्साधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लगातार समीक्षा करते रहें। जो बेहतर कार्य कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाय और खराब काम करने वालों की जवाबदेही तय की जाए। जननी सुरक्षा योजना के भुगतान में देरी करने वालों की जिम्मेदारी तय करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से क्रास चेंकिग कराएं।

अनावश्यक रूप से एक सप्ताह से ऊपर जननी सुरक्षा योजना का भुगतान लंबित रखने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। यह निर्देश जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट मीटिग हाल में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जन स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर और परोपकारी कार्य है। जिले स्तर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से पहुंचाई जाएं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के पैरामीटर को ध्यान में रखकर बेहतर जन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। कहा कि दवा का पर्याप्त भंडार रखने के साथ ही अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं मानक के अनुरूप पात्रों तक पहुंचाई जाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी नोडल अधिकारियों पर कड़ी निगाह रखें और जरूरत के मुताबिक लापरवाह नोडल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी करें। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में परिवार कल्याण व अन्य जन जागरूकता के लिए बल देते हुए कहा कि हर हाल में जन स्वास्थ्य सेवाएं प्रथम जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे। बैठक में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, आयुष्मान भारत मिशन, जननी सुरक्षा योजना, परियोजना नियोजन, नियमित टीटकाकरण, 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा, राष्ट्रीय कार्यक्रम, कम्यूनिटी प्रोसेस आदि कार्यक्रम की समीक्षा की। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा. अमित पाल शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके उपाध्याय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीबी गौतम आदि रहे।

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