जमशेदपुर : शहर की मानगो थाना की पुलिस की मेहरबानी नंदलाल गुप्ता पर जारी है तभी तो वह सरेआम घूम रहा हैं। आस पड़ोस वाले रोज देख रहे है, लेकिन अंधी हो चुकी पुलिस को उसपर नजर ही नहीं जाती। उस तक पुलिस की निगाह नहीं पड़ रही है। नंदलाल जमीन कारोबारी है, ऐसे में थाने वालों से पुराना परिचय होना लाजिमी है। अधिकारियों से मधुर संबंध है। गुप्ता जी को इसी का लाभ मिल रहा है। थानेदारों के चहेते रहे हैं। अब चाहे उस पर कितने भी केस-मुकदमें दर्ज हो, क्या फर्क पड़ता है। वह कहते हैं ना, सईंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का।
जिस व्यक्ति पर हत्या की साजिश, फायरिंग और घर में आगजनी कराने के आरोप है वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है तो सवाल उठना तो लाजिमी है। भई, ये पब्लिक है, सब जानती है।
मानगो तेली लाइन निवासी मदन साहू के पुत्र उत्तम साहू की विगत 16 अक्टूबर को संपति विवाद में मां, पिता और बहनों के सामने स्वजनों ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। हत्या की साजिश रचने का आरोप नंदलाल गुप्ता पर लगा। घटना के बाद 25 नवंबर को हत्या का केस उठा लेने की धमकी देने को मृतक के घर पर 25 नवंबर को फायरिंग और पथराव कर बदमाश निकल जाते हैं। पुलिस घटनास्थल से दो खोखा बरामद करती है। वापस लौट जाती है।
कहा जाता है मामला संदिग्ध है। नंदलाल गुप्ता पर मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाती है। 29 नवंबर को मदन के घर में घुसकर दोपहिया वाहन को फूंककर बदमाश चले जाते हैं। दो मामलों में पहले से नामजद नंदलाल गुप्ता पर प्राथमिकी दर्ज होती है।
तीन प्राथमिकी इस आरोपित के खिलाफ दर्ज तो कर ली गई, लेकिन उसके घर पर मानगो थाना की पुलिस ने कभी दबिश नहीं दी। हत्या, फायरिंग और आगजनी की घटना के बाद मदन साहू और उसके स्वजनों पर क्या होगा इसको लेकर स्वजन दहशत में है। उत्तम की बहन सुजाता ने कह रही वे लोग गरीब हैं। कहीं कोई पहुंच नहीं है इस कारण पुलिस उनकी नहीं सुन रही है। अगर ऐसा ही होता रहेगा 16 दिसंबर को पूरे परिवार के लोग आत्मदाह कर लेंगे। इधर, एसएसपी एम तमिल वानन कहते हैं मामले की जांच हो रही है।