डाला (सोनभद्र) : डाला को नगर पंचायत बनाए जाने की घोषणा के बाद कोटा ग्राम पंचायत का नए सिरे से परिसीमन का कार्य कराया जाएगा, जिसको लेकर मंथन का दौर जारी है। प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव से पहले परिसीमन का कार्य पूरा करने की बड़ी चुनौती भी है। चोपन ब्लाक का कोटा ग्राम पंचायत जनपद ही नहीं अपितु प्रदेश में सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के रूप में जाना जाता है। जिसे मिनी विधान सभा भी कहते हैं। बड़ी जनसंख्या होने के साथ ही 72 टोलों के रूप में कोटा ग्राम पंचायत की पहचान है।
चोपन ब्लाक का ग्राम पंचायत कोटा में 15 वार्ड हैं। इस ग्राम पंचायत की जनसंख्या 28 हजार से भी अधिक है। यहां लगभग 24 हजार मतदाता हैं जो ग्राम पंचायत चुनाव में 26 बूथों पर मतदान किया करते हैं। डाला को नगर पंचायत बनाए जाने की घोषणा के बाद अब कोटा ग्राम पंचायत से एक से आठ वार्ड तक ही ग्राम पंचायत की सीमा में रह गए हैं। इसके साथ ही 26 बूथों में से 14 बूथ ही कोटा में रह गया है। जानकारों कि मानें तो कोटा में अब भी लगभग 12 हजार मतदाता हैं। यहां की जनसंख्या डाला नगर पंचायत से भी अधिक है। कोटा ग्राम पंचायत में जनसंख्या के आधार पर नए सिरे से 15 वार्डों का सृजन होगा। नए बनने वाले वार्डों में ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या व मतदाताओं की संख्या के साथ ही टोला का भी बटना तय है।
कोटा ग्राम पंचायत व डाला नगर पंचायत की सीमा से सटी आबादी कोटा ग्राम या डाला नगर पंचायत में जाना चाहेगी, इसका भी ध्यान रखना होगा। जिसका निर्णय अभी किया जाना बाकी है। जानकार यह भी बताते हैं कि सात-आठ माह बाद होने वाले ग्राम पंचायत चुनाओं से पहले ही कोटा का परिसीमन कार्य पूरा करना चुनौतीपूर्ण है। पुराने मतदाता सूची में नामों का बंटवारा कर नई मतदाता सूची तैयार किया जाना है। नए मतदाताओं के नाम को जोड़ने के साथ ही मतदाता सूची से मृतकों के नाम को हटाना और फर्जी नाम को सूची से बाहर निकालना भी बड़ी चुनौती है।
ग्राम पंचायत कोटा के लेखपाल सुरेंद्र नाथ मिश्र का कहना है कि डाला नगर पंचायत के बनाए जाने की घोषणा के बाद कोटा ग्राम पंचायत का नए सिरे से परिसीमन करना है। 2020 में होने वाले संभावित ग्राम पंचायत चुनाव से पहले ही कोटा के परिसीमन का कार्य पूरा करना है। इसमें नये वार्ड, मतदाता सूची, ग्राम पंचायत की सीमा आदि का कार्य किया जाना शामिल है।