उपेंद्र कुमार तिवारी जिला ब्यूरो (सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
डॉ मुखर्जी ने उनकी कार्यकुशलता और क्षमता से प्रभावित होकर कहा ‘ यदि मुझे दो दीनदयाल मिल जाये तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दू”।1967 तक उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के महामंत्री रहे।1967 में कालीकट अधिवेशन में इनको अध्यक्ष बनाया गया ।मात्र 43 दिन तक अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा था
भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन है।उनकी जीवन प्रणाली ,कला,साहित्य, दर्शन सब भारतीय संस्कृति है।इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह संस्कृति है।इस संस्कृति में निष्ठा रहे तभी भारत एकात्म रहेगा।।
इस अवसर पर पंकज गोस्वामी, कामेश्वर प्रजापति, वीरेन्द्र कन्नौजिया पिंकी, प्रदीप कन्नौजिया, सूर्यप्रकाश कन्नौजिया, उदय शर्मा, अनिरुद्ध रौनियार, धनंजय रावत , सहित कई लोग उपस्थित रहे।