जिला सवांददाता- मौ काशिफ अली (गागलहेड़ी/सहारनपुर/उत्तर प्रदेश)
_●सीनियर अफसर के कहने पर भी नहीं ली थानेदार ने छुट्टी_
_●डॉक्टर काे साैंपी पत्नी और नवजात बेटे की जिम्मेदारी_
_●गागलहेड़ी थाना प्रभारी की पत्नी ने दिया बेटे काे जन्म_
*सहारनपुर-गागलहेड़ी।* _यह घटना आपकाे अहसास दिलाएगी कि, कोरोना वायरस के खतरे के बीच पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के प्रति कितने समर्पित हैं। सहारनपुर में तैनात एक थानेदार ने पिता बनने पर भी छुट्टी नहीं ली। फाेन पर जब यह समाचार मिला ताे थानेदार ने कहा कि वह कोरोना खतरे के समय छुट्टी नहीं ले सकते। यह कहते हुए थानेदार ने डॉक्टर से ही आग्रह किया है कि वह उनके बेटे और पत्नी का ख्याल रखें। इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस अस्पताल में थानेदार की पत्नी ने बेटे काे जन्म दिया, वह अस्पताल थाने से महज 15 किलाेमीटर की दूरी पर ही है। हम बात कर रहे हैं *गागलहेड़ी थाना प्रभारी भानू प्रताप* की। भानू प्रताप की पत्नी देविका ने जनकपुरी थाना क्षेत्र के एक प्राईवेट नर्सिंग हाेम में बेटे काे जन्म दिया। भानू प्रताप डिलीवरी से पहले पत्नी काे अस्पताल भर्ती कराने के लिए पहुंचे थे लेकिन उसके बाद तुरंत ड्यूटी पर लाैट आए थे। डॉक्टर ने उनसे कहा कि ऐसे में समय में पिता का रहना जरूरी है लेकिन थानेदार ने डॉक्टर काे ही पत्नी और बेटे की देखभाल की जिम्मेदारी देते हुए कह दिया कि वर्तमान समय में जब पूरा देश कोरोना संकट के खतरे से जूझ रहा है ऐसे में उनका छुट्टी लेना उचित नहीं हाेगा। यह कहते हुए थानेदार ड्यूटी पर चले गए। पूछने पर थानेदार भानू प्रताप ने बताया कि बेटे के जन्म हुआ है। पत्नी और बच्चा दाेनाें स्वस्थ हैं। अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है। अब घर पर मां मुन्नी देवी दाेनाें का ख्याल रख रही हैं। मां के घर पर हाेने बाद अब उनकी चिंता भी कम हाे गई है और वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। भानू प्रताप का कहना है कि ड्यूटी के प्रति समर्पण भाव के साथ-साथ कोरोना संक्रमण का खतरा भी बेटे से नहीं मिलने की बड़ी वजह है….