औरैया। जिले की तीनों विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार शुरू से मतगणना शुरू हुई। जिसमें बिधूना सीट पर सपा की रेखा वर्मा ने जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी से रिया शाक्य को हार का सामना करना पड़ा। विधूना सीट से सपा प्रत्याशी शुरु से ही बढ़त बनाये हुए थीं। जिन्होंने अंत में बीजेपी प्रत्याशी रिया शाक्य को 5423 मतों से पराजित किया। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रेखा वर्मा को 69763 वोट मिले वहीं उनकी निकतम प्रतिद्वंद्वी रिया शाक्य 64340 वोट पाकर संतोष करना पड़ा। साथ ही विधूना से बहुजन समाज पार्टी के गौरव रघुवंशी 19780 वोटों के साथ तीसरे नम्बर पर रहे। वहीं औरैया सदर सीट से भाजपा की गुड़िया कठेरिया शुरू से ही बढ़त बनाये रहीं जिन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के जितेंद्र दोहरे को पराजित किया। सदर सीट से प्रत्याशी गुड़िया कठेरिया को 74386 वोट मिले, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जितेंद्र दोहरे को 52456 वोट मिले वहीं दिबियापुर विधान सभा में आखिरी राउंड तक कशमकश रही। शुरुआती दौर में दिबियापुर विधानसभा से सपा के प्रदीप यादव आगे चले वहीं कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह ने कुछ देर बाद प्रदीप यादव को पीछे कर दिया और आखिरी तक आगे चलते रहे। आखिरी के कुछ राउंड में प्रदीप आगे हुए परंतु अंततः समाजवादी पार्टी के प्रदीप यादव को 80865 और भारतीय जनता पार्टी के लाखन सिंह को 80392 वोट मिले और लाखन सिंह 473 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। जानकारी हो कि औरैया के तीन सीटों में सपा को दो सीट पर विजयीश्री का ताज पहनने को मिला हालांकि दिबियापुर की प्रमुख सीट पर पेंच आखिरी तक फसा रहा। यहां से भाजपा से कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह और सपा से पूर्व सांसद प्रदीप यादव मैदान में थे। वोट की गिनती में दोनों में हार जीत का अंतर 300 से भी कम हो गया। प्रशासन ने एनाउंस भी बन्द करने से सपाइयों ने नारेबाजी भी की। ऐसे में सपाई मतगणना स्थल के बाहर धरने पर बैठ गए जिन्हें हटाने के लिए कई थानों की फोर्स आई, जिसके कारण स्थिति शांतिपूर्ण रही। लेकिन बाद में प्रदीप यादव की जीत की घोषणा ने समाजवादी पार्टी के खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी।
बबाल की आशंका के चलते मतगणना के दिन मुस्तैद रहा प्रशासन
औरैया। शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद मतगणना के दिन किसी भी तरह का उपद्रव न हो और मतगणना शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मतगणना के दिन सुबह से ही जिले भर में सतर्कता बढ़ा दी गई। इसके साथ ही मतगणना स्थल पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे से लैस रहा। इसमें मतगणना हाल के बाहर की सुरक्षा की कमान पैरा मिलिट्री फोर्स को दी गई। इसके बाहर पुलिस और बाहरी क्षेत्र में भी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। मतगणना हाल में जाने से पहले पासधारकों की भी चेकिंग की गयी। वहीं जिले भर की पुलिस भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रही। जानकारी हो कि मतगणना से पहले विभिन्न जिलों में मतदान केंद्रों के बाहर सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के लगातार हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए खुफिया विभाग ने भी पुलिस प्रशासन को सतर्क किया था, खुफिया इनपुट के बाद पुलिस ने हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर थी यही कारण है कि मतगणनास्थल से लेकर जिले के विभिन्न भागों में कोई भी कानून व्यवस्था को प्रभावित न कर सके इसके लिए प्रशासन मुस्तैद रहा।
मतगणना के चलते दफ्तरों व बाजारों में छाया सन्नाटा
हार जीत जानने को टीवी – मोबाइल में लगे रहे लोग
औरैया। विधानसभा चुनाव की मतगणना के चलते ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में आम लोगों की आमद नहीं रही। वहीं अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मतगणना में ड्यूटी लग जाने की वजह से कई दफ्तरों में सन्नाटा छाया रहा। कई दफ्तरों में अधिकारी एवं कर्मचारी चुनावी चर्चा करने में लगे रहे। औरैया मंडी समिति में चल रही मतगणना में अनेक विभागों के अधिकारियों एवं ज्यादातर कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी। वहीं बचा स्टाफ अपने अपने कार्यालय में मौजूद रहा। लेकिन मतगणना की वजह से आम नागरिकों ने सरकारी दफ्तरों का रुख नहीं किया। ऐसे में मतगणना ड्यूटी से बाहर रहे अधिकारी, कर्मचारी अपने अपने दफ्तर में चुनावी चर्चा करने में व्यस्त रहे। अधिकारी अपने कर्मचारियों से जानना चाह रहे थे कि किस सीट पर किस पार्टी का प्रत्याशी जीत रहा है। प्रदेश में किस दल की सरकार बनने जा रही है।
साथ ही गुरुवार का दिन शहरवासियों के लिए भारी रहा। जैसे सुबह से विधानसभा चुनावों के मतों की गिनती शुरू हुई उस समय हर कोई टीवी, इंटरनेट या फिर मोबाइल से अपने अपने प्रत्याशी के मतों की जानकारी ले रहे थे। इसी के चलते शहर की सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। शाम पांच बचे तक सभी की सांसें थमी रहीं। टीवी चलाकर पूरा दिन प्रदेश और देश में चल रही मतों की गिनती और कौन प्रत्याशी हारा कौन जीता। इसकी जानकारी लेते रहे। युवाओं के लिए टीवी की बजाय मोबाइल पर इंटरनेट ज्यादा सुविधाजनक रहा। चुनाव आयोग की साइट को इन्होंने सुबह से ही खोल रखा था। मिनट दर मिनट हो रही अपडेट के कारण इन्हें जानकारी जुटाने में परेशानी नहीं आई।