अधिकारियों की मिलीभगत से चल रही पेट्रोल पंपों में घटतौली.. 

 अलीगढ़ :- सरकार चाहे कोई भी हो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना नामुमकिन है क्योंकि जब अधिकारी ही देते हैं भ्रष्टाचार को बढ़ावा तो कैसे खत्म हो सकता है भ्रष्टाचार। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ के रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के सामने राणा ऑटोमोबाइल का है जहां पर 14 फरवरी 2022 को सुबह एक कार जिसके फ्यूल टैंक की कैपेसिटी ही 45 लीटर है, में पेट्रोल पंप द्वारा 48.33 लीटर डीजल डाल दिया जाता है इसकी पर्ची भी कार का ड्राइवर ले लेता है। जिसके बाद कार के मालिक द्वारा 27 फरवरी 2022 को एक शिकायत आइजीआरएस के द्वारा पूर्ति अधिकारी के लिए की जाती है। जिसके बाद पूरा एक महीना बीतने के बाद 26 मार्च 2022 को राणा ऑटोमोबाइल पर पूर्ति अधिकारी की टीम पहुंचती है और फोन करके कार के मालिक को यानी शिकायतकर्ता को बुला लिया जाता है और पूर्ति स्पेक्टर पेट्रोल पंप स्वामी के पास जाकर बैठ जाती है साथ में आई हुई टीम एक के बाद एक पेट्रोल पंप के नोजल की जांच करती है लेकिन सभी की जांच सही निकलती है। टीम जांच के लिए तो आई लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई अब बात यहां पर आती है कि आखिर 45 लीटर कैपेसिटी के टैंक में 48.33 लीटर डीजल कैसे आया और साथ ही कोई भी कार एकदम खाली हो कर तो पेट्रोल पंप पर नहीं जाती इसका मतलब कुछ ना कुछ डीजल कार के डीजल टैंक में पहले से ही मौजूद होगा। इससे एकदम साफ है कि 45 लीटर के टैंक में 50 लीटर डीजल पेट्रोल पंप द्वारा दिया गया जिसमें 5 लीटर की हेराफेरी की गई। अब दिन में सैकड़ों गाड़ियाें मैं डीजल डाला जाता होगा और किस तरह है काफी डीजल पेट्रोल पंप स्वामी द्वारा बचाया जा रहा है जिसमें कुछ हिस्सा अधिकारियों के लिए भी परोसा जा रहा है।

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