शतचंडी अनुष्ठान में देवी महागौरी का पूजन, दुर्गाष्टमी स्वामी पूर्णानंदपुरी जी

अलीगढ़ से तुषार शर्मा की रिपोर्ट 

अलीगढ़। चौत्र नवरात्रि के अष्‍टमी तिथि को दुर्गाष्टमी या महाष्टमी कहते हैं, सामान्यतः जो लोग नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक व्रत नहीं रखते हैं, वह पहले दिन एवं अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं।इस दिन कन्‍या पूजन और यज्ञादि का विधान भी है। यह दिन कोई भी शुभ कार्य करने की दृष्टि से भी ठीक है।अष्टमी तिथि शुक्रवार 08 अप्रैल रात्रि 11रू 05 मिनट से शुरू होकर आज रात्रि  01रू23 मिनट तक रहेगी ।

स्वर्ण जयंती नगर सीजंस अपार्टमेंट स्थित वैदिक ज्योतिष संस्थान कार्यालय पर महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे शतचंडी अनुष्ठान के तहत आचार्य गौरव शास्त्री ने मुख्य यजमान सुबोध कुमार अग्रवाल द्वारा भगवती के अंगों की पूजा कर गुलाब एवं कनेर के पुष्पों द्वारा अर्चन करवाया।

महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि शादी-विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए मां महागौरी की पूजा की जाती है क्योंकि  महागौरी की पूजा से दांपत्य जीवन सुखद बना रहता है।

साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश भी खत्म हो जाती है। आज प्रातः 11रू25 बजे से सुकर्मा नाम का शुभ योग बन रहा है साथ ही पूरे दिन पुनर्वसु नक्षत्र रहने के कारण आज के दिन किए गए किसी भी कार्य को करने से शुभत्व की प्राप्ति होगी।

इसके अलावा नवरात्रि के अंतिम यानि कल रामनवमी के दिन नौ वर्ष बाद ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है जो कि नवमीं की शुभता में वृद्धिकारक होगा। भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था।

संयोगवश इस दिन अश्लेषा नक्षत्र, लग्न में स्वग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, नवम भाव में सूर्य, दशम में बुध, कुम्भ का गुरु, शुक्र, मंगल है और दिन रविवार रहेगा। रविवार के संयोग से मिलकर बनने वाले रवि पुष्य महायोग पर यदि सूर्य उपासना की जाए व आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के साथ ही सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए, तो विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने कन्यापूजन के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि कन्‍याओं को मां दुर्गा का स्‍वरूप माना जाता है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है ।

जिसमें 2 से 10 साल तक आयु की कन्याओं के साथ लांगुरिया को पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि का भोग लगाकर खिलाएं  इसके बाद कन्याओं को तिलक करके, हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट-दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए जिससे प्रसन्न होकर भगवती दुर्गा सुख समृद्धि एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करतीं हैं।

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