अलीगढ़ की एडीजे-9 कोर्ट ने एसएसपी एटा के पीआरओ संजय जायसवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये। टप्पल में वर्ष 2018 में हुए दोहरे हत्याकांड में विवेचक व उस वक्त टप्पल इंस्पेक्टर रहे संजय को गवाही के लिए पेश होने का आदेश जारी किया गया था।
वह पेश नहीं हो रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। एडीजे-9 सुनील सिंह के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया जाए और सात मई को इनको कोर्ट में पेश किया जाए।
इस संबंध में कोर्ट से डीजीपी उप्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी पत्र भेजा गया है,एडीजीसी जेपी राजपूत ने बताया कि टप्पल के गांव हामिदपुर के दो सगे भाई मामेंद्र व शिवकुमार सात दिसंबर 2018 को गायब हुए थे। उनके शव लगभग एक माह बाद मिले थे।
इस मामले में 2020 में हाईकोर्ट ने छह माह में ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था। मुख्य गवाही 12 अप्रैल 2022 से हो रही हैं। इस मुकदमे के द्वितीय विवेचक की भूमिका में रहे तत्कालीन इंस्पेक्टर टप्पल संजय जायसवाल वर्तमान में एसएसपी एटा के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) हैं। उनको कई बार अदालत में गवाही के लिए पेश होने का आदेश जारी हुआ। वह पेश नहीं हुए। इसके बाद एनवीडब्ल्यू व नोटिस जारी हुए।
फिर भी हाजिर हुए। आज इस मामले में गवाही के लिए प्रथम विवेचक वर्तमान में गोविंद नगर मथुरा के इंस्पेक्टर संजय पांडेय व द्वितीय विवेचक संजय जायसवाल को तलब किया गया था। संजय पांडेय तो हाजिर हो गए।
मगर, संजय जायसवाल नहीं आए। कोर्ट ने एसएसपी एटा को पत्र लिखा है, उसमें स्पष्ट है कि एक विशेष टीम गठित कर इंस्पेक्टर संजय जायसवाल को गिरफ्तार कर सात मई को कोर्ट में पेश किया जाए। नियत तिथि पर गवाही पर न आने पर साक्ष्य-गवाही का अवसर खत्म हो जाएगा। इसके बाद निस्तारण गुण दोष के आधार पर होगा। जिसकी जिम्मेदारी अभियोजन की होगी।