स्वामी विवेकानंद जी कहा करते थे कि यदि आपने अपने जीवन में कभी कोई गलती नहीं की है तो उसका सीधा सा अर्थ यह है कि आपने अपने जीवन में कुछ नया नहीं किया है अथवा कुछ बड़ा नहीं किया है। जब आप कुछ नया करते हैं तो गलतियां भी स्वाभाविक हो जाती हैं।
यदि आपसे अनायास एक गलती हो जाती है तो वह जरूर क्षम्य है मगर उसे छुपाने के लिए झूठ बोलकर दूसरी गलती करना यह जरूर दंडनीय है। गलती हो जाना कोई समस्या नहीं, बिना गलती किये कुछ सीखने को भी नहीं मिलता है मगर एक गलती को बार – बार दोहराना यह जरूर बहुत बड़ी गलती है।
गलती हो जाना एक बात है मगर उस गलती को छिपाने का प्रयास करना उससे भी बड़ी गलती है। हमें अपनी गलती को स्वीकारना आना चाहिए। कोई भी गलती हो जाने पर आपकी स्वीकारोक्ति ही आपको दूसरों की नजरों में क्षमा का अधिकारी भी बना देती है।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी
श्री नैमिषारण्य धाम