Rajiv Gandhi हत्याकांड दोषी नलिनी श्रीहरन सहित अन्य रिहा,नलिनी बोली परिवार के साथ रहना चाहती हूं..

एजेंसी। राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को तीन दशक की कैद के बाद शनिवार को तमिलनाडु की जेल से रिहा कर दिया गया। वी श्रीहरन उर्फ मुरगन की पत्नी नलिनी को सबसे पहले रिहा किया गया।

उसने दावा किया कि वह निर्दोष हैं, इस दृढ विश्वास ने उसे इतने वर्षों तक जीवित रखा।

नलिनी श्रीहरन ने केंद्र व राज्य सरकार का जताया आभार

वेल्लोर स्थित महिलाओं की विशेष जेल से रिहा होने के बाद नलिनी वेल्लोर सेंट्रल जेल गई, जहां से उसके पति श्रीहरन उर्फ मुरगन जो श्रीलंका का नागरिक है उसे रिहा किया गया। उसे देखकर वह काफी भावुक हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत के दौरान नलिनी श्रीहरन ने कहा कि मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूं। मेरे परिवार के सभी सदस्य इतने लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। मैं राज्य और केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने इस दौरान हमारी बहुत मदद की। उन्होंने आगे कहा कि मैं गांधी परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने की योजना नहीं बना रही हूं।

 

# | I will go wherever my husband goes. We were separated for 32 years. Our family kept waiting for us… I am not planning to meet anyone from the Gandhi family. I want to thank State & Central govt: Nalini Sriharan, a convict in the assassination of former PM Rajiv

सभी दोषियों को किया गया रिहा

मुरगन के साथ एक अन्य दोषी एस राजा उर्फ सान्तन को भी वेल्लोर जेल से रिहा कर दिया गया। दो दोषी राबर्ट पेस और जयकुमार को यहां पुझल जेल से रिहा कर दिया गया। छठे दोषी पी रविचंद्रन को मुदुरई जेल से रिहा किया गया। एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को मई में रिहा किया गया था।

त्रिची के विशेष शिविर लाए गए

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के 4 दोषी त्रिची के विशेष शिविर पहुंच गए हैं। बता दें कि रॉबर्ट पायस और जयकुमार को पुझल केंद्रीय जेल से रिहा किया गया है। वहीं, मुरुगन और संथन को वेल्लोर केंद्रीय जेल से रिहा किया गया है।

क्या है मामला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहे छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था। जस्टिस बीआर गवई और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा था इस केस में दोषी एजी पेरारिवलन के मामले में अदालत का फैसला इन दोषियों पर भी लागू होता है।

1991 में हुई थी राजीव गांधी की हत्या

तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक रैली के दौरान राजीव गांधी की 21 मई 1991 को महिला ने आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। उसका संबंध लिट्टे से था। इस मामले में सात लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। वर्ष 2000 में दोषी नलिनी श्रीहरण की सजा को फांसी से आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वहीं वर्ष 2014 में अन्य छह लोगों की भी सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। उसी वर्ष तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने सातों दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी।

आतंकियों को लेकर नरमी सही नहीं: कांग्रेस

कांग्रेस ने राजीव गांधी हत्या मामले में दोषियों की रिहाई पर भाजपा की चुप्पी को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आतंकवादियों को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं होनी चाहिए। यह टिप्पणी द्रमुक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के स्वागत के एक दिन बाद आई। कांग्रेस ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य और गलत बताया। कांग्रेस ने कहा कि वह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की राय से भी सहमत नहीं है, जिनकी अपील की वजह से राजीव गांधी हत्याकांड में दोषियों को राहत मिली है। पार्टी का कहना है कि वह उनकी निजी राय है। लेकिन कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर अपनी बात पर अडिग है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *