अलीगढ़:सराय सुलतानी की घटना प्रशासनिक शिथिलता का नतीजा:गौरव शर्मा.

विगत रात्रि अलीगढ़ महानगर के सराय सुलतानी के एक होटल व्यवसायी व ग्राहक के मध्य विवाद और मारपीट की इस घटना के दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से साम्प्रदायिक स्वरूप धारण करने को लेकर बजरंग बल के संयोजक गौरव शर्मा ने एक प्रेस वार्ता में इस घटना के लिए पुलिस की शिथिलता और भ्रष्टाचार को उत्तरदायी मानते हुए अलीगढ़ महानगर के सभी नागरिकों से शांति बनाये रख पुलिस कार्यवाही हेतु उपयुक्त समय देने का निवेदन किया है।

उन्होंने आगे कहा कि इस घटना को साम्प्रदायिक बता कर पेश किया जा रहा है, मूलतः यह एक दुकानदार व ग्राहक का विवाद है, यह साम्प्रदायिक घटना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मिश्रित आबादी के इतने बड़े महानगर में ग्राहक-दुकानदार, वाहन चालक-सवारी, मकान मालिक-किराएदार के झगडे होने स्वाभाविक हैं किन्तु ऐसी घटनाएं साम्प्रदायिक स्वरूप धारण कर लें यह पुलिस की दोषपूर्ण कार्यप्रणाली का प्रतीक है।

उन्होंने आगे प्रश्न किया कि सराय सुलतानी पुलिस चौकी घटना स्थल से 50 मीटर की दूरी पर स्थित है तब य़ह घटना तत्काल नियन्त्रित क्यों नहिं नियंत्रित हो सकी? ऐसी पुलिस का समाज क्या करें। इस घटना के लिए सीधे तौर पर स्थानीय पुलिस का भ्रष्टाचार व नगर निगम अलीगढ़ का निकम्मापन जिम्मेदार है क्योंकि नगरनिगम के निष्क्रियता के कारण वहाँ अवैध ढावे व होटल चलते हैंऔर पुलिस अवैध रूप से वहाँ अनैतिक रूप से शराब पीने की अनुमती देती है। वहाँ का ऊन मार्केट नजूल की जमीन पर स्थित है ।

गौरव शर्मा ने व्यथित होकर कहा कि यह अत्यंत निराशाजनक है कि अलीगढ़ जैसे सम्वेदनशील शहर में पुलिस अधिकारियों का आचरण – व्यवहार शहर की मनोदशा व साम्प्रदायिक इतिहास के अनुकूल नहीं है।

भाजपा नेताओं का तत्काल मौके पर पहुंचने पर उन्होंने कहा कि यह अनेक आशंका प्रकट करता है, इससे पूर्व की अनेक घटनाओं में जिसमें एक ई रिक्शेवाले के गायब होने से होने वाला हंगामा हो अथवा कचोड़ी वाले के हाथों मारे गए दो मुस्लिम युवको का मामला हो अथवा तीन मंदिरों की मूर्तियाँ टूटने का, कभी भाजपा नेता मौके नहीं पहुंचे तो अब क्यों पहुँचे? जब उनकी सरकार है तो सत्ता पक्ष के नेताओं को घटना स्थल से दूरी बना कर चलाना चाहिए और अगर पहुँचे भी तो उन्होंने क्या किया क्या, उन्होंने प्रश्न किया कि क्या इस घटना में अभी तक किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी वह करा पाएं ?

बजरंग बल के संरक्षक अशोक चौधरी ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि मूल विषय यह है कि अलीगढ़ ही नहीं देश भर में एक समुदाय है जिसे यहां की कानून व्यवस्था पर कोई भरोसा नहीं है वह प्रत्येक परिस्थित में स्वयं ही स्थिति का निबटारा करता है और पथराव आगजनी हिंसा करना उनकी प्रवृत्ति है उनका कोई उपचार पुलिस प्रशासन करने को तैयार नहीं है, प्रशासन को गंगा जमनी तहजीब के गीत गाने से फुरसत ही नहीं है और यही मनोवृत्ति एक समुदाय विशेष में हिंसा के स्वभाव को बढावा देता है।

उन्होंने आक्रोशित स्वर में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि इस प्रकार की घटना किसी हिन्दू क्षेत्र में घटित होती तो पुलिस किवाड़ तोड़ कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी करती, किन्तु समुदाय विशेष के मामले में पुलिस का व्यवहार आश्चर्य रूप से बदल जाता है, जो निराशाजनक है और हिन्दू समाज में असुरक्षा का भाव पैदा करता है।
प्रेस वार्ता के दौरान शेखर शर्मा, अजय सिंह मोनू पंडित रमाकांत आदि उपस्थित रहे।

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