अलीगढ़:जहाँ भारत सरकार 2022 2023 को अमृत महोत्सव के रूप मे बना रही है तथा साथ साथ यूपी ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 को सफल बनाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है तथा प्रदर्शनियों मे एम॰एस॰एम॰ई को स्टॉल लगाने पर सबसिडी दे रही है वही स्थानीय प्रशासान द्वारा अलीगढ़ नुमाईश में अलीगढ़ में निर्माणधीन उत्पादो को प्रोत्साहन ना मिलना दुखद विषय है, आज अलीगढ़ की ऐतिहासिक प्रदर्शनी केवल चाट और भेलपुरी की दुकानों तक सिमट कर रह गयी है जहाँ एक समय मे नुमाइश की बारहद्वार पर चारो शोरूम को सजाने के लिए नामी गिरामी कम्पनी को निमंत्रण भेजकर बुलाया जाता था चाहे नुमाइश को राजस्व कम मिले मगर नुमाइश की गरिमा का ध्यान रखा जाता था अब सारा ध्यान नीलामी के माध्यम से आय को बढ़ाना रह गया है जिस कारण नीलामी की वैल्यू बहुत अधिक बढ़ गयी है और अच्छे शोरूम किनारा करते जा रहे हैl
नुमाइश मे अच्छे दुकानदार जो नीलामी मे तीन वर्ष तक दुकान लेते थे तो उन सभी को साधारण किराये मे परिवर्तित कर उनके नाम दुकान आवंटित कर दी जाती थी मगर नुमाइश कमेटी द्वारा इस नियम मे बदलाव व्यापरियो के प्रोत्साहन को कही ना कही कमज़ोर कर रहा है
यही हाल उद्योग मंडप का है जहां खानें पीने के स्टॉल उद्योग मंडप की शोभा बढ़ाते दिखते है या क्रॉकरी के व्यपारी बढ़िया मुनाफा कमाते दिखते है,सही उद्यमी नुमाइश प्रबधन से बेहतर तालमेल न होने से बचते नजर आते है वही नुमाइश में स्टालों को भरने की खानापूर्ति कर काम चला लिया जाता है.