जज्बे को सलाम:69 वर्षीय सेवानिवृत ऑडिट अधिकारी ने दी नीट की परीक्षा कहा डॉक्टर बनकर दिखाऊंगा..

अलीगढ़ : सिर पर सफेद टोपी, आंखों पर मोटी लेंस का पुराना चश्मा और हाथ में पानी बोतल लिए एक बुजुर्ग नीट परीक्षा की लाइन में 20 साल के अभ्यर्थियों के बीच खड़ नजर आए तो सभी भौचक रह गए। जब उन्होंने कहा वह परीक्षा देने आए हैं, तो सुरक्षा में तैनात अधिकारी और पुलिस वाली आश्चर्यचकित हो गए। एडमिट कार्ड दिखाया तो सभी विश्वास हो गया। यह किस्सा है डोरी नगर प्रजापति गली में रहने वाले मोहन लाल की। मोहन बोले इसी उम्र डॉक्टर की अधिक जरूरत पड़ती है। मैं भी डॉक्टर बनूंगा।
रविवार को अलीगढ़ नीट 2023 का आयोजन 14 केंद्रों पर किया गया। इन्हीं केंद्रों में शमिल रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल दोपहर बाद चर्चाओं में गूंजता रहा। चर्चा के कारण डोरी नगर निवासी मोहन लाल पुत्र सिमाना रहे। 69 वर्ष की उम्र में वह नीट (नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेस एग्जाम) देने पहुंचे थे। पहले तो उनकी बातों पर किसी को विश्वास नहीं हुआ। सुरक्षा अधिकारियों एडमिट कार्ड चेक किया तो बात सही निकली। मोहन लाल ने बताया कि वह ऑडिट अधिकारी के पद से आठ साल पहले सेवानिवृत हुए। उसके बाद फिर से 12वीं की परीक्षा विज्ञान वर्ग से दी। 12वीं परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने नीट 2023 के लिए आवेदन किया। जिसकी परीक्षा के लिए रविवार को रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि गणित विषय एमए करने के बाद वह ऑडिट अधिकारी के पद पर तैनात हुए थे। आठ साल पहले ही सेवानिवृत हुए हैं।

बच्चे नहीं पढ़ते, इसलिए मैं पढ़ता हूं

परीक्षा देकर बाहर निकले मोहन लाल में बताया कि उनके चार बच्चे हैं। एक बेटा और तीन बेटियां हैं। बेटा नशे का आदि हो गया है, वह मेरी नहीं सुनता है। उन्होंने बताया कि उन्हें पढ़ना लिखना अच्छा लगता है। बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं, इसलिए मैं पढ़ाई कर रहा हूं। ऑडिट अधिकारी के बाद डॉक्टर बनकर बच्चों को दिखाऊंगा। आखिर इसी उम्र में डॉक्टर की अधिक आवश्यकता पड़ती है।

शिक्षक और गार्ड सभी आश्चर्य चकित रह गए : प्रधानाचार्य

मोहन लाल जब रेडिएंट स्टार इंग्लिश स्कूल सेंटर पर पहुंचे तो सुरक्षा अधिकारी से लेकर एनटीए द्वारा तैनात परीक्षक भी आश्चर्य चकित रह गए। हर कोई उन्हें देखने के लिए बाहर आने लगा। प्रधानाचार्य अंजू राठी ने बताया कि वैसे तो इस परीक्षा के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है। पर 69 वर्ष के मोहन लाल के पढ़ाई के प्रति जोश को देकर हर कोई भौचक रह गया। उन्होंने शांतिपूर्वक परीक्षा दी। परीक्षा के बाद सभी शिक्षकों ने उनसे मुलाकात की। उन्हें इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया।

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