जुमा नमाज के बाद मुस्लिम समुदायों ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर काला बिल्ला लगाकर जताई आपत्ति।

कुमार सावन की रिपोर्ट:-लातेहार

चंदवा/लातेहर:- जुमा नमाज के बाद मुस्लिम समुदायों ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर काला बिल्ला लगाकर जताई आपत्ति।

कहा इसके प्रावधान संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर प्रखंड के मुस्लिम समुदायों में जबरदस्त उबाल है, मदरशा अहले सुन्नत गुलशने सैयदना मदरशा शुक्रबजार में जुमा नमाज के बाद पोस्टर के साथ बिल के खिलाफ काला बिल्ला लगाकर विरोध जताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है, पोस्टर में नागरिकता संशोधन बिल वापस लो, नागरिकता संशोधन बिल देश के लिए काला कानून, नागरिकता संशोधन बिल देश को बांटने के लिए है, नागरिकता संशोधन बिल मुस्लिमों का उत्पीड़न के लिए है आदि लिखे हुए थे,
वक्ताओं ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधान संविधान के खिलाफ हैं, इसके प्रावधानों से मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन होता है,
इस नागरिकता संशोधन विधेयक से संविधान का स्वरूप बदल जाएगा,
बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर का संविधान मूलभूत अधिकार, लिंग, जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय और भाषा से ऊपर उठकर हर किसी को समानता का अधिकार देते हैं, विधेयक के प्रावधान न सिर्फ संविधान के मूलभूत सिद्धांतों को ध्वस्त करते हैं बल्किन भारत संघ के स्वरूप को भी मौलिक रूप से बदलते हैं,
इस बिल में नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव करने की व्यवस्था है, जो गलत है, विभाजन के समय देश के मुसलमान जिन्ना पर भरोसा नहीं किया, राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी पर विश्वास कर अपने वतन भारत में ही रहने का निर्णय लिया, तबसे मुस्लिम समुदाय सभी धर्मों जातियों के बीच भाईचारा के साथ कंधे में कंधा मिलाकर रह रहे है, भाजपा सरकार का इस बिल के पिछे निति और नियत सही नहीं है, विधेयक को लाकर मुस्लिम समुदाय का उत्पीड़न करने के साथ साथ देश को बांटना चाह रही है भाजपा, इस बिल जो लोग खुश हो रहे हैं उन्हें भी परेशानीयों का सामना करना पड़ेगा, नागरिकता साबित करने के लिए सभी जाति धर्म के लोगों को कागजात दिखानी होगी तब उन्हें समझ में आएगा कि बिल का विरोध सही था, भाजपा कि गलत मंशा कभी भी सफल नहीं होगी, आज तक सरकार ऐसा कोई बिल नहीं लाई है जिससे बेरोजगार नौजवानों, किसानो, मजदुरों तथा गरीब और आमजनों को फायदा हो, संविधान में मिले अधिकार से सरकार वंचित करना चाह रही है,
इस अवसर पर सदर असगर खान, सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान, हाजी अबास अंसारी, बाबर खान, हाफिज शेर मोहम्मद, हाफिज अकिल खान, मुंशी मियां, कलाम कादरी, हैदर मियां, मो0 रिजवान अंसारी, अब्दुल बासीद, मो0 अफरोज, मो0 सलीम, मो0 कलीम, सदुल खान, रमजान साइं चिस्ती, नईम अंसारी, रबुल खान, खैराती खान, मो0 राजा, बशीर खान, अबरार खान, मो0 सजाद, नेजाम अंसारी, मो0 रौशन टेलर, हसीब मियां, आशिक टेलर, मो0 शमीम टेलर, मो0 सकुर, सलीम राईन, अकबर टेलर, जसीम राईन, कासीद मियां, सहित बड़ी संख्या लोग शामिल हैं।

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