आजादी के 73 साल बाद भी ग्रामीण भगवान भरोशे गाँव वालों ने नही देखा कभी विधायक व सांसद का मुह ।

आजादी के 73 साल बाद भी ग्रामीण भगवान भरोशे
गाँव वालों ने नही देखा कभी विधायक व सांसद का मुह ।


डिजिटल भारत न्यूज़24×7LiVE – अर्जुन सिंह (जनपद ब्यूरो चीफ/ सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
डाला सोनभद्र – आजादी के 73 साल के बाद भी विकाश के नाम पर विकाश खण्ड चोपन के ग्राम सभा कोटा के टोला धेरहवा में लोग भगवान के भरोशे हैं। वाराणसी शक्तिनगर मार्ग के मालोघाट टोलप्लाज़ा से लगभग 16 किलोमीटर जंगल में 80 वोटरों वाला धेरहवा गाँव स्थित है । ग्राम सभा के प्रत्येक टोले में पानी व स्कूल की व्यवस्था है वही यह धेरहवा कोटा ग्राम का अछूता सा गांव बन कर रह गया है । आज तक ना ही कोई ग्राम पंचायत स्तर से हैंडपम्प ही लगा है और नाही कोई शौचालय ही बना है । स्वच्छता के नाम पर बस लूट ही लूट मचा हुआ है।

आज भी लोग अपने प्यास को बुझाने के लिए कनहर नदी का पानी पिया करते है । प्रकृति की कहर की मार झेल रहे धेरहवा वाशी की सुने तो सुने कौन । ऐसे वैश्विक कोरोना जैसी महामारी में भी लोगों को खाने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है । गांव में लगभग 13 लोगों का राशन कार्ड भी कई बार ग्राम पंचायत के प्रधान व ग्रामपंचायत विकाश अधिकारी को बनाने के लिए देने के बावजूद भी नही बन सका। आखिर में गांव के लोग अपना माथा कहां पटकें।और तो और मोदी किट के नाम पर गांव वालों को 13 किलोमीटर बुला कर गांव के 6 लोगों को किट दिया गया। ऐसे में खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना ध्यान दिया जा रहा ग्राम सभा के मुखिया द्वारा । इस समय जीविकोपार्जन के लिए धेरहवा वाशी अपने को भगवान के भरोशे एक-एक दिन बीतने का इन्तजार कर रहे हैं। जव चुनाव आता है तो यह गांव प्रतिनिधियों को गोद लेने व विकाश करने के लिए नजर आता है । इस पूरे पँचवर्षी में ग्राम प्रधान 2 बार गए । वही धेरहवा वाशी अभी ना तो विधायक को देखे है और ना ही सांसद को । आखिर इससे अच्छा जन प्रतिनिधि कहां मिले।

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