कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मन्दिर व मस्जिदें को कुछ नियमों एवं दिशानिर्देशों के साथ 8 जून से खुलेंगी।

 

निर्धारित नियमों के तहद 8 जून से खुल रहे हैं मन्दिर

  • मंदिरों, मस्जिदों एवं सम्बंधित धार्मिक स्थलों पर मास्क के उपयोग पर अनिवार्यता की सहमति बनी
  • मंदिरों में प्रसाद का आदान प्रदान पर लगा शिकंजा 
  • मूर्ति स्पर्श एवं पुजारी चरण स्पर्श पर है पाबन्दी, दूर से ही करें प्रणाम व नमस्कार का अभिवादन
  • स्वयं घर से लेकर जाना होगा बैठने का आसन
  • शोसल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा

डिजिटल भारत न्यूज़24x7LiVE- संवाददाता: कृपाशंकर अग्रहरि ( गुड्डू ) दुद्धी तहसील

दुद्धी-सोनभद्र। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मन्दिर को कुछ नियमों के साथ 8 जून से खोला जायेगा। सामान्य नियमों के तौर पर श्रद्धालुओं को मास्क लगाना, प्रवेश से पहले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। धार्मिक व सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी पाबंदी है।मन्दिर में खांसने-छींकने के दौरान चेहरे और नाक को ढक कर रखना होगा। यदि टिशू, रुमाल आदि का इस्तेमाल करते हैं तो उसे ठीक से उचित स्थान पर फेंकना होगा।


8 जून से खुल रहे मन्दिरों की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने के उद्देश्य से आज दुद्धी के धार्मिक संगठनों की आवश्यक मोबाइल कान्फ्रेंस बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र जायसवाल ने किया। मोबाइल कान्फ्रेंस बैठक में श्रीरामलीला कमेटी महामंत्री आलोक अग्रहरि,श्री जय बजरंग अखाड़ा समिति के अध्यक्ष कमलेश सिंह कमल,कोषाध्यक्ष कृपाशंकर अग्रहरि गुड्डू, दुर्गा पूजा समिति काली मन्दिर अध्यक्ष अनूप डायमण्ड, महामंत्री भोलू जायसवाल, पीयूष अग्रहरि, दुर्गा पूजा समिति विकास क्लब अध्यक्ष रूपेश जौहरी, महामंत्री रवि जायसवाल, दुर्गा पूजा समिति पंचदेव मन्दिर अध्यक्ष प्रेमनारायण मोनू सिंह,महामंत्री सुजीत जायसवाल,दुर्गा पूजा समिति शिव मन्दिर रामनगर अध्यक्ष सुजीत अग्रहरि, महामंत्री जितेन्द्र कश्यप पी पी,दुर्गा पूजा समिति बीडर अध्यक्ष नारद पटेल व महामंत्री मनोज पटेल,पीपरडीह अध्यक्ष सत्यप्रकाश व महामंत्री सुनील गुप्ता,रासलीला समिति अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ सोनी व महामंत्री श्यामसुंदर अग्रहरि ने अपने अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। इस महत्वपूर्ण बैठक में निम्नवत अपेक्षाओं के साथ मन्दिर खोलने की आम सहमति बनी साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी मन्दिर प्रबंधन इस सम्बंध में जारी गाइड लाइन का भी पालन करेगा। श्रीरामलीला कमेटी अध्यक्ष रविन्द्र जायसवाल ने निर्देशों को समझाते हुए बताया कि

धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर उन्ही को प्रवेश की अनुमति होगी जो मास्क लगाएं हो,हाथ पैर धुले हों साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन व मन्दिर प्रबंधन के निर्देश का अनुपालन करेंगें।
सुनिश्चित किया जाए कि एक ही समय पर 5 से अधिक श्रद्धालु इकट्ठे न हों।


जूते-चप्पलों को संभव हो तो गाड़ी में ही उतारना होगा, या फिर इन्हें उचित दूरी पर अलग-अलग रखना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को सुनिश्चित करना।


धार्मिक स्थल के परिसर में जाने से पहले हाथ-पैर को साबुन से अच्छी तरह से धोना होगा।
मंदिर में लाइन लगाने के लिए पर्याप्त दूरी के हिसाब से लगे निशानों (गोल घेरे)में खड़ा होना होगा।
मूर्ति या पवित्र किताब को छूने की मनाही है। एक ही चन्दन से सभी टीका नही लगायेंगें।


हाथों से प्रसाद या फिर पवित्र जल देने की मनाही है।
सामुदायिक रसोई/लंगर/अन्नदान आदि का खाना बनाते और बांटते हो तो सामाजिक दूरी के नियमों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।


सम्भव हो सकते तो मन्दिर में प्रवेश और निकास के अलग अलग द्वार रखे जाएं।
संक्रमण न फैले इसके लिए पहले से रिकॉर्ड धार्मिक संगीत/भजन बजाए जा सकते हैं। गायक मंडलियों पर पाबंदी है।
प्रार्थना के लिए लोगों को अपना मैट/आसन/ बैठने का कपड़ा लेकर आना होगा जिसे उन्हें अपने साथ वापस लेकर जाना होगा।

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