साहब, रहम करिए और भेज दीजिए हमें घर

साहब, रहम करिए और भेज दीजिए हमें घर
सोनभद्र : साहब, अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर से तो अच्छा होम क्वारंटाइन है। यहां न भरपेट खाना मिल रहा है न इच्छा के अनुसार पानी। हम यहां आए हैं कोरोना से जंग जीतने, लेकिन मौजूदा स्थिति देखकर तो लगता है कि स्वस्थ लोग भी यहां बीमार हो जाएंगे। कुछ इस तरह का दर्द झेल रहे कोरोना संक्रमित मरीज रविवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को आपबीती सुनाने के लिए नियमों को ताख पर रखकर अस्पताल से बाहर निकल आए।

जिला अस्पताल में दो सौ बेड के बनाए गए कोविड-19 अस्पताल में घटिया भोजन, सफाई न होने, भरपेट भोजन न मिलने का मामला तीन दिनों से चल रहा है। एक कोरोना संक्रमित का वीडियो वायरल होने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ और रोगी भड़क गए। डीएम एस राजलिगम व एसपी आशीष श्रीवास्तव के अस्पताल के बाहर आने की जानकारी मिलते ही यहां भर्ती रोगी अस्पताल से बाहर निकल आए। रोगियों ने चीख-चीख कर बताया कि उन्हें घटिया भोजन दिया जा रहा है। रविवार सुबह आठ बजे करीब 30 ग्राम चने की घुघनी दी गई है। इसके पहले शुक्रवार को प्रात: 11 बजे नाश्ता में छोला व पूड़ी दी गई। दोपहर का खाना दो बजे दिया गया, जिसमें जली रोटी, पानी जैसी दाल, चावल व सोयाबीन आलू की थोड़ी सी सब्जी दी गई। रात का भोजन सवा 10 बजे दिया गया। डीएम के सख्त निर्देश का असर नहीं :
रोगी स्वत: ही अपने आसपास सफाई कर रहे हैं। शौचालयों की सफाई कई दिनों से नहीं हुई है। एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने यहां तक कहा कि वह किसान है। इस अस्पताल में कई किसान व पुलिस के जवान भर्ती हैं। उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिल रहा है। दूसरी बार भोजन मांगने पर कहा जाता है कि खाना खत्म हो गया है। डीएम ने एक-एक कर कई रोगियों से समस्या सुनने के बाद उन्हें भरोसा दिलाया कि वे अस्पताल के अंदर जाए। सोमवार की सुबह से उनकी सभी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। डीएम के सख्त निर्देश के बावजूद संबंधित अधिकारियों की सेहत पर कुछ खास असर नहीं पड़ा। उसका सबूत रोगियों को शुक्रवार की दोपहर भोजन है। रोगियों को अपराह्न दो बजे के बाद भोजन दिया गया। आठ बजे 30 ग्राम चना खाने वाले रोगियों को भोजन छह घंटे बाद नसीब हुआ। रोगियों ने भोजन की गुणवत्ता सुधारते हुए दिन में दो बार काढ़ा देने की मांग की।

इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि प्रति रोगी प्रतिदिन महज सौ रुपये ही मिल रहा है। ऐसे में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हैरत की बात तो यह है कि ढाबों व होटलों पर प्रति व्यक्ति 50 रुपये बेहतर खाना खिलाया जाता है। चार रोटी, चावल, तड़का मारकर दाल, कई जगह दाल में देशी घी, सलाद आदि दिया जाता है। ऐसे में सौ रुपये कम होना समझ से परे हैं। चिकित्सकों ने दिया है मीनू

कोरोना रोगियों का मीनू स्थानीय चिकित्सकों द्वारा तैयार किया गया है। सोमवार को नाश्ते में चाय व पोहा, दोपहर खाने में अरहर दाल, चावल व सब्जी, रात खाने में रसदार सब्जी व चावल। मंगलवार को नास्ते में चाय व दलिया, दोपहर खाने में अरहर दाल, चावल, सब्जी व रोटी, रात खाने में पूड़ी सब्जी। बुधवार को नास्ते में चाय व चना घुघरी, अरहर दाल, चावल, सब्जी व रोटी, रात खाने में रसदार सब्जी व चावल, गुरुवार को नाश्ते में चाय दलिया, दोपहर खाने में छोला चावल, सब्जी व रोटी, रात खाने में पूड़ी सब्जी, शुक्रवार को नाश्ते में चाय उपमा, दोपहर खाने में मूंग की दाल, चावल, सब्जी व रोटी, रात खाने में रसदार सब्जी व चावल, शनिवार नाश्ते में चाय व छोला, दोपहर खाने में खिचड़ी या तहरी, रात खाने में पूड़ी सब्जी एवं रविवार को नाश्ते में चाय छोला, दोपहर थाने में अरहर दाल, चावल, सब्जी व रोटी, रात खाने में रसदार सब्जी व चावल दिया जा रहा है।

– धनंजय वर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी।

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