नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से एक 20 साल के लड़के की हुई मृत्यु
हमेशा विवादों में आखिर क्यों रहता है नेहरू चिकित्सालय क्यों नहीं हो रहा है प्रशासनिक कार्रवाई
ऊर्जांचल,जयंत नेहरू चिकित्सालय जानकारी के अनुसार पता चला है कि प्रीतपाल सिंह पुत्र,पपीदरजीत सिंह खड़िया कॉलोनी MQ- 640 के निवासी है अचानक रात में शरीर में हराहत होने की वजह से पिता जी ने नेहरू चिकित्सालय निगाही में ले गए जहां पर डॉक्टरों ने प्रीतपाल को हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया और बोलने लगे कि पहले इनका करोना टेस्ट होगा उसके बाद इनका इलाज किया जाएगा प्रीतपाल के घरवालों ने पूछा की कब होगा टेस्ट तो डॉक्टर ने बोला कि बस 10 मिनट में प्रीतपाल के घरवालों के बार बार पूछने पर डॉक्टर पूरी रात टालमटोल करते रहे और सुबह बोले कि हमारे पास किट नहीं है,
कभी बोलते सरकारी हॉस्पिटल बैढ़न गई है कभी गाड़ी किट लेने की किट 2 घंटे में आ रही है सारी रात टालमटोल करते रहे,कभी बोलते टेस्ट सोमवार को होगा इसके बाद डॉक्टरों ने 11.58 मिनट पर प्रीतपाल के घरवालों को सूचित किया कि आपके बेटे की स्थिति गंभीर है पर जब प्रीतपाल के घरवाले नीचे से ऊपर गए तो प्रीतपाल मृतक अवस्था में मिला,जिस बात की पहले से कोई सूचना नही था डॉक्टरों से मृत्यु का कारण पूछे जाने पर अपना पल्ला झाड़ते हुए डॉक्टरों द्वारा मौखिक रूप से कहां गया कि उनके लड़के की मृत्यु करोना की वजह से हुई है,और लड़के को करोना पॉजिटिव बताया गया,जबकि प्रीतपाल के करोना पॉजिटिव पाए जाने की कोई भी रिपोर्ट नहीं है और ना तो उसके घरवालों को कोई रिपोर्ट दी गई डॉक्टरों की लापरवाही से एक नौजवान लड़के की मृत्यु हो गई अब मृतक प्रीतपाल सिंह के पिताजी ने श्रीमान जिला अधिकारी महोदय सिंगरौली को पत्र लिखते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच करें और जिन डॉक्टरों की लापरवाही से प्रीतपाल सिंह की मृत्यु हुई उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की और उनके पिता ने यह बोला कि जिस तरह से लापरवाही की वजह से मेरा पुत्र आज मैंने खोया है और किसी माता पिता के पुत्र की जान ना जाए इसलिए शासन प्रशासन द्वारा नेहरू चिकित्सालय के डॉक्टरों और अधिकारियों का जांच हो जो आए दिन डॉक्टर की लापरवाही सामने देखी जाती है।