तुलसीदामर डोलोमाइट खदान चालु कराने की मांग को लेकर एटक नेता की मजूदरों के साथ बैठक

तुलसीदामर डोलोमाइट खदान चालु कराने की मांग को लेकर एटक नेता की मजूदरों के साथ बैठक

डिजिटल भारत न्यूज़24×7 LiVE– संवाददाता- (विमलेश कुमार/भवनाथपुर/ गढ़वा/ झारखण्ड)

भवनाथपुर : झारखंड सरकार द्वारा पुरे राज्य में खदान की खनन की पट्टा विस्तार अवधि 2021-22 तक मिलने के बाद मजदूरो में हर्ष व्याप्त है। खदान में कार्य चालू कराने की मांग को लेकर रविवार को एटक जिलाध्यक्ष गणेश सिंह की अध्यक्षता में खदान समूह के मजदूरो ने तुलसीदामर खदान परिसर में बैठक की।

बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित हुआ कि खदान चालु कराने में अड़चन आ रही पर्यावरण क्लिरियेन्स को स्टे कराने हेतु एनएमडीसी माइंस वर्कस यूनियन के नेता गणेश सिंह द्वारा 5 अक्टूबर को रांची हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। वहीँ अगर सेल आरएमडी प्रबंधन द्वारा आगामी 13 अक्टूबर से लीज विस्तार अवधि का कागजात लाने सबंधित क्रियाकलाप शुरू नही की गयी तो मजदूरो का गुस्सा विस्फोटक रूप ले लेगा और सेल के प्रशासनिक भवन के समक्ष खदान समूह के मजदूर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। मौके पर एटक जिलाध्यक्ष गणेश सिंह ने कहा कि तुलसीदामर डोलोमाइट खदान समूह के मजदूरो की हितो को लेकर हमारी लड़ाई निरंतर जारी है, जो भी यूनियन उनके लड़ाई में साथ देना चाहते है, वें दे सकते है। साथ ही खदान की दो वर्षो तक किये गये लिज विस्तार से संबंधित दस्तावेज लाने हेतु सेल प्रबंधन पर दबाव बनाएंगे। कहा कि तुलसीदामर खदान चालू होने में व्याप्त समस्या पर्यावरण क्लियरेंस के लिए एटक यूनियन के द्वारा कोर्ट में केस फाईल किया जायेगा और 15 दिनों के अंदर स्टे आर्डर लाते हुए सेल आरएमडी प्रबंधन के अधिकारीयों पर दबाव बनाकर खदान में कार्य को शुरू कराई जायेगी। एटक जिलाध्यक्ष ने कहा कि खदान में कार्यरत हजारो मजदूरो का लॉक डाउन अवधि का 1 करोड़ रूपये आ चूका है, लेकिन प्रबंधन की उदासीन रवैया के चलते वह पैसा अभी तक मजदूरो को नही मिल सका है। कहा लॉक डाउन अवधि में मजदूरो की बैठकी का पैसा उन्हें दिलाने हेतु पुरजोर प्रयास जारी है, अगर जरुरत पड़ी तो इस मामले को लेकर डिप्युटी कमिशनर, लेबर कमिश्नर से लेकर दिल्ली तक आवाज उठायेंगे। बैठक में भोला राम, इशहाक अंसारी, गोपाल यादव, रमेश राम, पृथ्वी राम, हजरत अंसारी, नरेश साह, दिनेश राम, रामकेश पाल, विजय सिंह समेत सैकड़ो मजदूर उपस्थित थे।

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