एक तरफ स्पेशल ट्रेने चलाई जा रहीं तो दूसरी तरफ जबलपुर गोंदिया के बीच आया कोरोना,आदिवासी अंचल की अनदेखी जनता लाचार ओर सांसद विधायक ने लिया मोन व्रत..

==नैनपुर मंडला म. प्र से सत्येन्द्र तिवारी की रिपोर्ट ==

नैनपुर जो कि कभी एशिया का नेरोगेज ट्रेन का सबसे बड़ा जंकशन कहा जाता था जिस ट्रेन में अंग्रेज बैठकर प्रकृति का आंनद लेते थे आज वही ट्रेन रूट कमजोर जनप्रतिनिधित्व के कारण ब्रॉडगेज का कार्य लगभग पूर्ण होने के बाद ,सी आर एस होने के बाद भी जबलपुर से गोंदिया के बीच ओर मध्यप्रदेश ओर छत्तीसगढ़, ओर अन्य राज्यों को सीधी ट्रेन की सौगात मिल सकती है ,यात्रियों को कम पैसे कम समय में कम दूरी तय करने का रास्ता साफ मी लगाया है।

पर इस आदिवासी अंचल को दर किनार कर दिया गया है।चाहे को जनप्रतिनिधि हों या रेल प्रशासन ,दम दार नेतृत्व की कमी के कारण जनता के लिए उठाने वाला सांसद भी नहीं है जो माननीय रेल मंत्री के सामने अपने मतदाताओं की आवाज को बुलंदहौसलों से उदा सके ओर जल्द से जल्द कम से कम जबलपुर से गोंदिया के बीच दो यात्री ट्रेनें चलवा सके।जिससे जनता को बसों में दोगुना पैसे देने के बाद भी आराम का सफ़र नहीं कर पा रही है ,एक तरफ आज मल गाडियां ओर कोयले के लिए ट्रेनें इस रूट प्र चल रहीं है। रेल प्रशासन बड़े महानगरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रही है तो दूसरी तरफ जबलपुर से गोंदिया के बीच यात्री शुखदाई सफ़र का इंतजार कर रहे है,जनता पूछना चाहती है उन सांसद ओर विधायक महोदय से जिनको चुनकर जनता ने अपनी आवाज बुलंद कर जनता के लिए कामकरने ,उनकी परेशानी को दूर करने के लिए दिल्ली में बिठाया है आज वो नेता क्यों मोन है,यही सवाल रेल मंत्रालय ओर माननीय रेलमंत्री महोदय से भी पूछना चाहती है को इस क्षेत्र के लिए सौतेला व्यवहार क्यों।क्या दूसरे राज्यों में कोरोना नहीं है, जहां नई नई ट्रेनें चलाई जा रही है।सतपुड़ा कि वादियों में,आदिवासी अंचल में,ओर जबलपुर से गोंदिया ओर नैनपुर से मंडला के बीच ट्रेन चलने से कोरोना जैसी महामारी फैलने का डर है। आम जनता जबलपुर सांसद महोदय,मंडला सांसद महोदय,राज्य सभा सांसद महोदया जी से आशा करती है की ये अपनी बजंदारी ,अपनी आवाज बुलंद कर माननीय रेलमंत्री महोदय से बात कर कम से कम जबलपुर से गोंदिया के बीच दिन म दो ट्रेनें चलबाने हेतु प्रयास करें जो जनता के हित में होगा ऐसी जनता मांग करती है।

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