दलितों के बच्चों को पढ़ाई के लिए अब नहीं ढूंढना पड़ेगा ठिकाना, प्रत्येक जिले में खुलेंगे छात्रावास

दलित, पिछड़ों और गरीबों को आगे बढ़ाने की सरकार की कोशिशें लगातार जारी है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने अब दलितों के बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रत्येक जिलों में कम से कम एक छात्रावास बनाने का फैसला लिया है। हालांकि जिन जिले में इनकी आबादी ज्यादा होगी, वहां एक से ज्यादा छात्रावासों के निर्माण की भी मंजूरी दी जाएगी। फिलहाल पहले चरण में केंद्र ने 13 राज्यों के करीब 61 वंचित जिलों में छात्रावासों के निर्माण की मंजूरी दी है। इनमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पांच-पांच जिले और बिहार का एक जिला शामिल है।

पहले चरण में 61 जिलों में छात्रावासों के निर्माण को मिली मंजूरी, एनजीओ करेंगे संचालन

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों से प्रस्ताव मांगे थे। इसके तहत 13 राज्यों से करीब 590 आवेदन आए थे। इस बीच मंत्रालय ने कड़ी पड़ताल के बाद 61 जिलों में इन्हें खोलने की मंजूरी दी है। फिलहाल इन छात्रावासों की निर्माण राज्य सरकार करेंगी, जबकि संचालन स्वयंसेवी या शैक्षणिक संस्थाओं के जरिए ही किया जाएगा। साथ ही इन छात्रावासों के संचालन कमेटी में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा।

छात्रावास बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग होंगे

मंत्रालय ने इस छात्रावासों के निर्माण के भी नियम सख्त किए है। जिसमें प्रत्येक दस बच्चों पर एक शौचालय होना जरूरी होगा। साथ ही साफ-सुथरा पानी, भोजनालय, खाने के लिए हाल भी रहेगा। इसके साथ ही बच्चों के खेलने के लिए भी एक हॉल और मैदान होगा। यह छात्रावास बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग होंगे। फिलहाल जिन 61 जिलों में छात्रावासों के निर्माण की मंजूरी दी गई है, वह राज्य सरकारों की सहमति के बाद ही दी गई है। मौजूदा समय में देश के सैकड़ों जिलों में ऐसे छात्रावास संचालित हो रहे है। हालांकि इनमें ज्यादातर अभी ऐसे है, जो किराए के भवनों में संचालित हो रहे है।

छात्रावास के निर्माण पर प्रति छात्र तीन लाख रुपए खर्च

छात्रावासों के निर्माण के लिए फिलहाल केंद्र सरकार ने जो लागत तय की है, उसके तहत प्रति छात्र तीन लाख रुपए खर्च है। यानी सौ छात्रों की क्षमता वाले छात्रावास के निर्माण पर करीब तीन करोड़ रूपए खर्च होंगे। इनमें बच्चों के लिए छात्रावास के निर्माण पर केंद्र साठ फीसद राशि देती है, जबकि चालीस फीसद राशि राज्यों को देनी होती। वहीं छात्राओं के छात्रावास निर्माण में केंद्र नब्बे फीसद राशि देती है, जबकि राज्य को सिर्फ दस फीसद ही देनी होती है।

यूपी और एमपी के इन जिलों में खुलेंगे छात्रावास

उत्तर प्रदेश के जिन पांच जिलों में दलितों के छात्रावास को मंजूरी दी गई है,उनमें सुल्तानपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, एटा और आगरा शामिल है। वहीं बिहार के भोजपुर में भी छात्रावास को मंजूरी मिली है। मध्य प्रदेश के जो पांच जिले इनमें शामिल है, उनमें बालाघाट, धार, खरगौन, बडवानी और होशंगाबाद शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *