(दुद्धी) सोनभद्र- उत्तर प्रदेश का अति महत्वपूर्ण जिला सोनभद्र जहाँ दुद्धी तहसील

(दुद्धी) सोनभद्र- उत्तर प्रदेश का अति महत्वपूर्ण जिला सोनभद्र जहाँ दुद्धी तहसील के अंतर्गत प्रदेश के अंतिम विधानसभा क्षेत्र (403) में तहसील मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित अमवार गाँव के किनारे कनहर नदी पर बांध का निर्माण ,कनहर सिचाई परियोजना द्वारा किया जा रहा है जिसकी ऊँचाई 39.9मीटर है।

इस परियोजना की शुरूआत 1976-77 में ही हुई थी लेकिन कुछ कारणों से इस परियोजना पर ग्रहण लग गया ।38 वर्षो के झंझावातों से गुजरने के बाद यह परियोजना फिर से शुरू हुई और सभी के सहयोग से इस बाँध के कार्य में प्रगति शुरू हुई ।विस्थापितो को अभी तक पूरा मुआवजा नहीं मिला है ,प्रक्रिया जारी है ।इन सभी के बीच सिचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता और अन्य सहयोगियों के द्वारा सरकार द्वारा भेजे गए धन का बंदरबांट किया जाता हैं जिससे इस परियोजना का काम धन के अभाव में रुक जाता है क्योंकि कोई भी अधिकारी अपना मान कर इस परियोजना को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं ,केवल लूटने के चक्कर में सरकार के पैसे का बंदरबांट करते नजर आते हैं ।कनहर सिचाई परियोजना के अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता गण (खण्ड एक से लेकर छह खंडो के) सिर्फ और सिर्फ कनहर बांध को देर से बनाने की फिराक में रहते है क्योंकि जितना ही देर होगा उतना ही हमलोगों का इनकम बढ़ेगा।सरकारी धन का दुरुपयोग कैसे होता है ।यदि आपके पास अपना फर्म है और आपकी साठगांठ इस विभाग के अधिकारी से है तो फिर पूछना ही क्या ,घर बैठे आपको मिलेंगे रुपये , आपको केवल मिर्जापुर, पिपरी और धनौरा ,अमवार का चक्कर लगाना होगा ,इन स्थानों पर इनका कार्यालय और निवास भी है।जिस प्रकार लोक निर्माण विभाग में कोई भी काम कागज पर दिखाकर 90 प्रतिशत विभाग ले लेता है और 10 प्रतिशत ठेकेदार ठीक उसी प्रकार यहाँ पर भी जिसकी जितनी गहराई तक पकड़ है उतनी ही प्रतिशत की छूट ।यहाँ पर ठेकेदार को बिना कार्य किए ही 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक का लाभ मिल जाता हैं क्योंकि उस कार्य को कौन देख रहा है ।ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण और काम शुरू हो गया तो किसको क्या पता कि कौन कौन सा कार्य है और क्या क्या होना है, कहाँ पर मिट्टी फिलिंग होनी है , कहाँ गिट्टी डालनी है ।इसका पता नहीं चल पाता है ,सिर्फ और सिर्फ सिचाई विभाग के अधिकारियों को पता रहता है , 2 महीना पहले मिट्टी फिलिंग हुई फिर उसके बाद दिखा दिया जाएगा कि बह गया ,या वहाँ पर ज्यादा गड्ढा था ,इसलिए वहां पर मिट्टी फिलिंग कराई गई, उसका भुगतान भी हो गया लेकिन वास्तविकता में वह कार्य हुआ ही नहीं।सरकार द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पौधे लगवाए जाते है ,उसमे भी भारी भरकम गोल माल किया गया है। सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है ।वास्तविकता में देखा जाए तो अब तक जितना भी धन सरकार द्वारा मिला था, उतने में यह परियोजना तैयार भी हो गई होती और सभी विस्थापितो को मुआवजा भी मिल गया होता।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने मुख्यमंत्री महोदय ,सिचाई मन्त्री से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने की बात कही है और जिलाधिकारी महोदय से इस बाबत माँग किया है कि इसकी जाँच की जाए। ।।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *