अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 20 वें प्रांतीय अधिवेशन शुरू…राज्यपाल महामहिम द्रोपदी मुरमू ने की शिरकत…

कुमार सावन की रिपोर्ट:- झारखंड

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 20 वें प्रांतीय अधिवेशन शुरू…राज्यपाल महामहिम द्रोपदी मुरमू ने की शिरकत…

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 20वां प्रांतीय अधिवेशन की विधिवत उद्धघाटन के साथ ही हुआ ध्वजारोहण । प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर नाथू गाड़ी एवं प्रदेश मंत्री श्री रोशन सिंह के द्वारा संयुक्तरुप से ध्वजारोहण किया गया।
ततपश्चात “उद्घाटन सत्र” में मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुरमू जी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी जी, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री आदरणीय के. एन. रघुनंदन जी, प्रदेश अध्यक्ष श्री नाथू गाड़ी, प्रदेश मंत्री रोशन सिंह, प्रोफेसर केके मिश्रा, स्वागताध्यक्ष सोनू सिंह नामधारी, स्वागत समिति के मंत्री अमित तिवारी एवं अधिवेशन संयोजक अरविंद गोस्वामी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

अभाविप के काम में यूनिटी और प्यूरिटी दोनों है:-राज्यपाल

महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नीलाम्बर पीताम्बर के पावन भूमि पर अभाविप के अधिवेशन में आकर अपार हर्ष महसूस कर रही हूँ उन्होंने नीलाम्बर पीताम्बर और राजा मेदनी राय को नमन।। महामहिम ने कहा कि आजादी मिलने के ठीक बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गठन हुआ था आज देश में 65 फ़ीसदी जनसंख्या युवा है और यही देश की भविष्य है देश का भविष्य बनाने के लिए आकलन और चिंतन करना होगा युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद है जो एक सन्यासी योगी के साथ-साथ एक महान चिंतक थे, जो कहते थे गीता रामायण वेदांत की शिक्षा को युवा ग्रहण करें लेकिन घर में बैठकर ना रहे बल्कि घर से बाहर निकले। जाति धर्म वर्ग से ऊपर उठकर देश हित में कार्य करो आज भारत विश्व की छठवीं सबसे बड़ी शक्ति है क्योंकि यहां का युवा अभिनंदन के भांति आकाश में उड़ता है और दुश्मनों को मारता है। भारत के युवा को जॉब क्रियेटर बनना है हमलोगों की भी दायित्व है। आज युवाओं पर यह जिम्मेदारी है कि जो हमारे पुराना गौरव था उसे प्राप्त करेगा और उससे भी आगे हम जाऐंगे। हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होनी चाहिए।
अभाविप के काम में यूनिटी और प्यूरिटी दोनों है आप आगे बढ़े और अपने लक्ष्य को पूरा करे। ऐसी शुभकामनाएं हैं।

#Abvpमतलब देश की शान

“देशद्रोहियों के लिए काल है अभाविप”:- निधि त्रिपाठी

राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन की शुरुआत में करते हुए बोली की “हम सब भारत मां के लाल छुआछूत का कहां सवाल” उन्होंने महादेव गोविंद रानाडे के जन्म जयंती पर उन्हें याद किया जिनका यह कहना था कि यदि भारत के सभी लोग अनुशासन प्रिय हो जाए तो भारत को कोई पराधीन नहीं कर सकता है आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् रानाडे के सपनों को साकार करते हुए एक अनुशासन प्रिय संगठन के रूप में विश्व पटल पर खड़ा है। सुश्री त्रिपाठी ने कहा कि जो लोग अभाविप को नहीं जानते हैं वह अभाविप के बारे में भ्रामक बातें फैलाते हैं उनको आज मैं बताना चाहती हूं एबीवीपी क्या है.. एबीवीपी मतलब देश की शान, राष्ट्र की शक्ति, देशद्रोहियों की काल…
आज सीएए के नाम पर देश को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दलों के साथ कुछ छात्र संगठन हैं जो सीएए का विरोध बगैर जानकारी के कर रहे हैं। बच्चों में भी इसे लेकर जहर भर रहे हैं। जब भी सज्जन शक्ति आगे बढ़ती है तो दुर्जन उसे गिराने और हराने में लगते हैं। इसलिए अभाविप को दुर्जन शक्तियों से लड़ना है। देश में राष्ट्रप्रेम का भाव जगाते रहना है।

अपने ज्ञान के आधार पर भारत को विश्व गुरु बनाएंगे :- के एन रघुनन्दन

निवर्तमान राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री के.एन. रघुनंदन जी ने कहा कि आज देश के सामने तीन चुनौतियां मौजूद है पहला राष्ट्र पुनर्निर्माण, दूसरा देश का विकास का कार्य, तीसरा देश की व्यवस्था में परिवर्तन, उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है जब कोई देश को यह मौका मिला है कि वहां की आधा से अधिक आबादी युवा और छात्रों की हुई है तो वह सुपर पावर बना है आज भारत के पास यह मौका है क्योंकि आज भारत की लगभग 65 फ़ीसदी जनसंख्या युवा है ऐसे समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वयं के लिए भारत को विश्व गुरु बनाने की ध्यय ली है। हमारी शिक्षा भारत केंद्रित हो ऐसी मांग हमारी रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोग हथियार के आधार पर नहीं अपने ज्ञान के आधार पर भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। नई शिक्षा नीति लागू होनेवाली है जो देश में नालंदा, तक्षशिला जैसी शिक्षा व्यवस्था वापस लायेगा। परिषद हर चुनौतियों को स्वीकार कर देश के पुनर्निर्माण में लगा है।

गौरवशाली परंपरा की ओर लौटें :- प्रो.कमलकांत मिश्र

प्रो केके मिश्रा ने कहा कि छात्र शक्ति राष्ट्र की शक्ति है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का ध्यय राष्ट्र की सेवा है। उन्होंने कहा कि हम अपने अतीत की गौरवशाली परंपरा की ओर लौटें। उन्होंने छात्रों से अपील की कि एक बार फिर से छात्र उस दिशा में चले जहां वे शिक्षा और ज्ञानप्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि छात्र अपने कदम कॉलेज कैंपस की ओर बढ़ायें। उन्होंने छात्रों से दो आवाहन किए हैं पहला आप दीपक की तरह बनना है जो रोशनी फैलाएं और दूसरा कैंपस की ओर आप चले, कैंपस से दूरी बन रही है।

स्वागत भाषण सोनू सिंह नामधारी एवं धन्यवाद ज्ञापन स्वागत समिति के मंत्री अमित तिवारी ने किया। मंच संचालन प्रदेश मंत्री रौशन सिंह ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से माननीय कुलपति एस.एन सिंह, महिला महाविद्यालय की प्राचार्या मोहिनी गुप्ता, प्रान्त प्रमुख श्रवण सिंह, अधिवेशन संयोजक अरविंद गोस्वामी, प्रो सुभाषचंद्र मिश्रा, प्रो.उमेश सहाय, प्रो.के सी झा, डॉ एके वैद्य,सिविल सर्जन जॉन एफ. केनेडी, डॉ रोहित पाण्डेय, क्षेत्रिय संगठन मंत्री निखिल रंजन जी, प्रान्त संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला जी, श्याम नारायण दुबे, मेयर अरुणा शंकर, मनोज सिंह, संजीव मिश्रा राजन, रेनुका पाण्डेय, प्रो.के सी झा, ज्योति पाण्डेय, श्वेतांक गर्ग, श्याम बाबू,श्वेत रंजन, सतीश तिवारी, सूर्यकांत कुमार, राजीव रंजन देव पाण्डेय, सुरेन्द्र विश्वकर्मा, राहुल देव, डॉ पंकज कुमार, रामशंकर पासवान, विकास सिंह, प्रिंस पाण्डेय, आशीष वैद्य, समशेर सिंह, प्रभात सिंह, अमृता भट्ट, स्नेहा कुमारी, आरती कुमारी, निधि कुमारी,खुशबू,हर्षा, नेहा, गोविंद मेहता, राहुल भट्ट, प्रकाश राय, कुमार नवनीत, गौरव दास पाण्डे, रमेश उराँव, नागमणि कुमार, उज्जवल धणुष, पंकज दास, पप्पू जायसवाल, मनीष तिवारी, चन्दन दुबे अमितकान्त पाण्डेय, रोहित देव, मुकेश कुमार, पंकज सिंह,अरविंद सिंह चेरो,प्रियरंजन तिवारी, शिवपूजन सिंह, राहुल सिंह चेरो, आदि कार्यकर्ता थे।

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