मायावती ने प्रमोशन में कोटा के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा को घेरा, कहा-आरक्षित वर्ग को सुरक्षा कवच दे केंद्र

संवाददाता-संतोष सिंह सा-संपादक (ओबरा/सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार से आरक्षण व्यवस्था को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर आरक्षित वर्ग को सुरक्षा कवच प्रदान करने की मांग की है। मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा के उपेक्षित रवैये के कारण शोषित व पीड़ित वर्ग को देश की मुख्य धारा में लाने के अब तक किए सांविधानिक प्रयास फेल रहे।

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के गलत रवैये के कारण सरकारी नौकरियों और प्रमोशन में आरक्षण की वय्वस्था को निष्क्रिय और निष्प्रभावी बना दिया गया है। जिससे पूरे समाज में आक्रोश है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कांग्रेस के बाद अब भाजपा व इनकी केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीडि़तों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे में केन्द्र सरकार से पुन: मांग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीडि़त करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।
मायावती ने ट्वीट में मायावती ने लिखा कि कांग्रेस के बाद अब भाजपा व इनकी केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है। जो अति गंभीर है।

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि केंद्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व उपेक्षित के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।

मायावती ने तीसरे ट्वीट में लिखा कि ऐसे में केंद्र सरकार से पुन: मांग है की वो आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की नवीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करें जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीडि़त करोडों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।

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