चोपन ब्लाक में दिहाड़ी मजदूरों की सूची बनाने को लेकर बीडीओ व एडीओ पंचायत में कहासुनी, मामला ऊपर तक पहुंचा

संवाददाता- (विकाश कुमार/चोपन/ सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)

जहां पूरा देश इस समय कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वही जनपद सोनभद्र में अधिकारी इस विपदा की घड़ी में कैसे काम कर रहे हैं इसका नजारा शनिवार को चोपन ब्लॉक में देखने को मिला। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉक डाउन की अपील के बाद पूरे देश में मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है । इसी संकट से उबारने के लिए यूपी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे गांव स्तर पर राशन बांटने का काम करें । साथ ही सभी लोगों को भोजन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें । सरकार ने कड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी हालत में कोई व्यक्ति भूखा ना रहे ।

इसी के मद्देनजर सोनभद्र जिला प्रशासन ने एक अनोखी पहल शुरू कर जिले में सभी ग्राम पंचायतों में कम्युनिटी किचन का शुभारंभ किया । कम्युनिटी किचन के शुरू होने से ना सिर्फ ग्रामीण स्तर पर गरीब व असहाय लोगों को काफी सहूलियत हुई बल्कि प्रशासन भी राहत की सांस ली है।मगर अभी भी दूरदराज में बहुतेरे ऐसे दिहाड़ी मजदूर हैं जो प्रशासन द्वारा दी गई सुविधाओं से वंचित रह रहे हैं । दिहाड़ी मजदूरों को किसी न किसी योजना में शामिल कर लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने सभी ब्लॉक अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे ऐसे दिहाड़ी मजदूरों की सूची बनाकर उन्हें भी सामग्री पहुंचाएं। बताया जाता है कि दिहाड़ी मजदूरों की सूची बनाने को लेकर खंड विकास अधिकारी ने एडीओ पंचायत को सूची देने के लिए कहा । सूत्रों के मुताबिक सूची को लेकर ही दोनों अधिकारियों में बातचीत का क्रम शुरू हुआ हो गया और बात देखते ही देखते इस कदर बढ़ गई कि दोनों एक दूसरे पर तेज आवाज में बातें करने लगे और तो और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी करने लगे। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि दिहाड़ी मजदूरों की सूची बनाने के लिए एडीओ पंचायत को कहा गया तो उन्होंने न सिर्फ बनाने से मना कर दिया बल्कि पूछने पर अपशब्द का प्रयोग करने लगे । जिसके बाद उन्होंने उनसे बाहर चले जाने के लिए कहा गया। वही एडीओ पंचायत का कहना है कि खंड विकास अधिकारी द्वारा इतने कम समय में सूची मांगी गई कि वह देना कत्तई संभव नहीं है । उनका कहना है कि खंड विकास अधिकारी द्वारा उन्हें उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया । समाचार लिखे जाने तक दोनों पक्षों की तरफ से क्या निर्णय लिया गया यह जानकारी नहीं हो सकी । मगर इस कोरोना जैसी महामारी के बीच इस तरह के बर्ताव को लेकर पूरे विकासखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखने वाली बात यह है कि अब इस पूरे मामले पर दोनों पक्षों में से कौन क्या कदम बढ़ाता है।

 

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