डिजिटल भारत न्यूज़24x7LiVE- संवाददाता- (विकाश कुमार/चोपन/ सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
डाला । लॉक डाउन के संमय ज़ब पूरा प्रशासनिक अमला कोरोना की जंग में व्यस्त है और लोगों की जिंदगी बचाने में जुटा हुआ है वहीं परासपानी के जंगलों में वन माफिया कैसे बेशकीमती पेड़ों की कटान में जुटे हुए हैं और कैसे वन माफिया रात के अंधेरों में बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहा है ।
इस खबर के प्रकाशन के बाद वन महकमे में हड़कम्प मच गया । इसके बाद वन विभाग की टीम परासपानी पहुंचकर मौके पर कटे हुए सभी बेशकीमती लकड़ियों को बरामद कर वन चौकी ले लाया ।
आपको बतादें कि ओबरा वन प्रभाग क्षेत्र के डाला रेंज के परासपानी के जंगलों में बेशकीमती लकड़ियों की कटान वन माफियाओं के द्वारा लगातार किए जाने की सूचनाएं पहले भी मिलती रही है । रविवार को परसपानी के जंगल में देखा वहां बड़ी संख्या में बेशकीमती पेड़ों की कटान पाई गई । पेड़ों के ठूंठ भी उसकी ताजगी बयां कर रही थी । जनपद में लॉक डाउन में वन माफियाओं की कट रही चांदी, बेशकीमती लकड़ियों की हो रही तस्करी के नाम से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया । जिसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और कटान स्थल की खोज होने लगी । आज सोमवार को वन विभाग के आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर कटान का जायजा लिया और मौके पर पड़ी हुई लकड़ियों को वाहन द्वारा वन चौकी लाया गया। मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारी वन माफियाओ के सक्रियता से इन्कार करते रहे । परन्तु एक ही प्रजाति खैर की कटान कुछ और ही इशारा कर रही है। बता दें कि विगत कुछ वर्षो से डाला रेंज के जंगलों में कटान काफी बढ़ गया है । जिसमें बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी भी तेजी से हो रहा हैं । कई बार वन विभाग के द्वारा कार्रवाई भी की गई । परन्तु पूर्ण रूप से कभी रोक नहीं लग सका । बहरहाल जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि आखिर बेशकीमती लकड़ी के कटान के पीछे कौन है। मगर यह तो तय है कि जिस तरह से जंगल में बेशकीमती लकड़ियों का कटान हो रहा है वह कोई जलावानी बीनने वाले नहीं हैं ।