वृन्दावन । वृंदावन में रहने वाली विधवा और निराश्रित महिलाओं के द्वारा तैयार गुलाल से जन जन के आराध्य बांकेबिहारी महाराज रंगभरी एकादशी पर होली खेलेंगे। जिसके लिए चैतन्य बिहार स्थित महिला आश्रम सदन में ब्रज गंधा प्रसार समिति की कई निराश्रित महिलाएं फूलों से हर्बल गुलाल बना रही हैं।
गौरतलब हो कि उप्र सरकार की पहल पर आश्रय सदन में निवासरत वृद्ध माताओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ब्रज गंधा प्रसार समिति के माध्यम से अगरबत्ती, धूपबत्ती एवं गुलाल बनाने का प्रशिक्षण एवं उत्पादन की शुरुआत की गई थी। जिसमें ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में प्रयोग किए गए फूलों को एकत्र कर यहां लाया जाता है। इन फूलों को छटाई कर और सुखाकर करीब 50 प्रशिक्षित वृद्ध माताएं गुलाल तैयार करने में जुट गई हैं।
ब्रजगंधा प्रसाद समिति के प्रोडक्ट कॉर्डिनेटर विक्रम शिवपुरी ने बताया कि अपनी सुविधा के अनुसार यहां रह रही विधवा एवं निराश्रित माताएं समय निकाल कर फूलों से हर्बल गुलाल तैयार करने का काम कर रही हैं। वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में चढ़ने वाला फूल सबसे ज्यादा आता है। प्रतिदिन करीब 50 किलो फूल आते हैं। चढ़ावे के फूलों की सबसे पहले सफाई जैसे धागा व अन्य कूड़ा करकट निकलने और छंटाई का काम आश्रय सदन की माताएं करती हैं। उसके बाद फूलों को सुखाया जाता है और फिर पीसकर उनका पाउडर तैयार कर होली पर हर्बल गुलाल तैयार किया जाता है। इस बार इन फूलों से चार-पांच कुंतल गुलाल तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
सावित्री देवी ने बताया कि हम पहले फूलों को छांटते हैं, फिर उन्हें सुखाते हैं, सब का अलग-अलग काम है। सुखाने के बाद इसे पीसकर छानते हैं, इसमें कोई मिलावट नहीं करते, पूरी तरह से प्राकृतिक रहता है। इसे बनाने में बहुत अच्छा लगता है।
आशा सागर ने कहा कि हमारी बेरंग जीवन में यह रंग नया उत्साह और उमंग लेकर आते हैं। गुलाल बनाने के दौरान हमारा समय भी व्यतीत हो जाता है और काम भी पूरा हो जाता है।
गुलाल तैयार कर रही माता अनुपमा घोष एवं रमाबाई ने बताया उन्हें इस बात की बड़ी खुशी हो रही है कि उनके हाथों से बनाया गया गुलाल ठाकुरजी को लगाया जाएगा तथा भक्तों पर प्रसाद स्वरुप उड़ाया जाएगा। बताया कि उनके हाथों से तैयार गुलाल से राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले साल होली खेली थी। इस बार भी गुलाल इन्हें भेजे जाने की तैयारी की ज रही है।
प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी ने कहा कि वृंदावन स्थित चैतन्य विहार के महिला आश्रय सदन की वृद्ध माताओं को सरकार की ओर से पेंशन तो मिलती ही है लेकिन गुलाल बनाने के बदले इन माताओं को इनके काम के समय के मुताबिक मेहनताना भी दिया जाता है। इन दिनों गुलाल बनाने के काम में वे अपनी सुविधा और समय के अनुसार ही काम करती हैं। समय के हिसाब से उन्हें बाकायदा इसके लिए पारिश्रमिक भी दिया जाता है।