वृंदावन (एबी लाइव न्यूज़/शुभम शर्मा) । श्रीगोदाहरिदेव दिव्यदेश मन्दिर का दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव रविवार को ध्वजारोहण के साथ शुरू हो गया। मंदिर के सेवायतों ने सर्वप्रथम गरुण स्तंभ पर ध्वजारोहण किया। इसके बाद भगवान बैकुंठ नाथ पूर्ण कोठी में विराजमान होकर निज मंदिर से निकले। इस दौरान मधुर वाद्य यंत्रों की ध्वनि के मध्य सवारी के साथ वेदपाठी ब्राह्मण वेद मंत्रों का उच्चारण करते हुए चल रहे थे। बैंडों की मधुर संगीतमय धुन श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से विभोर कर रही थी। अनेक स्थान पर भक्तों ने भगवान बैकुंठ नाथ की आरती की और जगह-जगह फूल और रंग की रंगोली बनाकर दृश्य को और भी मनमोहक बना दिया। मंदिर से शुरू हुई सवारी कोतवाली रोड, चुंगी चौराहा,रंगजी मन्दिर,गोपीनाथ बाजार होते हुए बगीचा पहुची जहां कुछ देर विश्राम करने के बाद पुन: मंदिर प्रांगण में आई। सायं बेला में भगवान बैकुंठनाथ सिंह पर विराजमान हो कर निकलेंगे। ठाकुर जी की सवारी के दौरान भगवान बैकुंठ नाथ की जयजयकार गूंजती रही। एक दिन पहले शनिवार को ब्रह्मोत्सव की व्यवस्थाओं को परखने के लिए भगवान गोदा हरिदेव जी के सेनापति निकले थे। सेनापति विश्वसेन की सवारी मंदिर से चांदी की पालकी में निकली। विश्वसेन ने ब्रह्मोत्सव के लिए की गई व्यवस्थाओं को मंदिर से बड़े बगीचा तक परखा था!
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