कान्हा की नगरी में धूमधाम से मनाया जाएगा रस महोत्सव

 

वृंदावन । जोधपुर राजस्थान से ठाकुर राधा गोपाल प्रभु के ब्रज आगमन पर आयोजित सप्त दिवसीय वृंदावन रस महोत्सव का शुभारंभ सोमवार से हजारीमल सोमाणी इंटर कॉलेज के मैदान पर हो गया। महोत्सव में प्रतिदिन ब्रज के संतों के पावन सानिध्य में ठाकुरजी के विभिन्न मनोरथ और उत्सव मनाए जाने के साथ भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का रसपान व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को कराया जाएगा। शुभारंभ करते हुए मलूक पीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि प्रभु उत्सव और मनोरथ मनाए जाने की परंपरा भारतीय संस्कृति और सभ्यता का हमेशा से अभिन्न अंग रही है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की पावन क्रीड़ा स्थली श्री धाम वृंदावन की पवित्र धरा पर जोधपुर से ठाकुर राधा गोपाल प्रभु का आगमन सभी भक्त जनों के लिए सौभाग्य का विषय है । महंत गोरेलाल कुंज के महंत किशोर दास महाराज ने कहा कि प्रभु उत्सव भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का वह अद्भुत संगम होते हैं। जिसमें डुबकी लगाने से जीव मात्र का कल्याण सुनिश्चित होता है। प्रभु के उत्सवों में भाग लेने का सौभाग्य भी प्रभु कृपा से ही प्राप्त होता है। गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि अध्यात्म और धार्मिकता के बिना मानव का जीवन सदैव अधूरा रहता है और प्रभु के उत्सव मानव के जीवन में अध्यात्म और धार्मिकता को लाने का एक सशक्त माध्यम होते हैं। वैभव सिद्ध ने बताया कि प्रथम दिन कुंज पधरावणी के तहत स्वर्ण महल में अष्टसखियो द्वारा सेवित श्री प्रियालाल व ठाकुर राधागोपाल प्रभु की दिव्य झाँकी के दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। देर रात तक ठाकुरजी के दिव्य दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं इससे पूर्व वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य देश विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ का भक्ति भाव के साथ पूजन अर्चन भी किया।

वृंदावन से शुभम शर्मा की रिपोर्ट

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