वृंदावन । हजारीमल सोमाणी इंटर कॉलेज के मैदान पर चल रहे सप्त दिवसीय वृंदावन रस महोत्सव के अंतर्गत बुधवार देर रात ठाकुर राधा गोपाल प्रभु महाराज ने मिठाई महल में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। तरह-तरह की मिठाईयों से बने महल में विराजमान ठाकुरजी के दिव्य दर्शनों के लिए भक्तों का भारी सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं ब्रज के संत- महंतों के सानिध्य मेें विभिन्न भक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
ठाकुर राधारमण मन्दिर के सेवायत व प्रख्यात भागवत प्रवक्ता वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी ने कहा कि ठाकुरजी के उत्सवों का आनंद ही निराला है। इन उत्सवों के माध्यम से भक्त भगवान के प्रति अपने अनुराग को प्रकट करता है। गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि मानव का शरीर क्षण भंगुर तथा मिट्टी के ढेले के समान है। इसलिए इस शरीर पर कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए। मानव शरीर बड़ा ही दुर्लभ भी है। इसलिए इस शरीर को प्रभु भक्ति और परमार्थ में लगाना ही श्रेयस्कर है। मलूक पीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि इस संसार के रिश्ते केवल शरीर तक ही सीमित हैं, लेकिन भगवान का संबंध व रिश्ता अटूट व जन्म जन्मांतर का है। इसलिए भगवान की भक्ति मानव जीवन का अभिन्न अंग होनी चाहिए।
इस अवसर पर गोरेलाल कुंज के महंत किशोर दास महाराज, वैभव सिद्ध ने बताया कि जोधपुर राजस्थान से पहली बार प्रभु राधागोपाल महाराज के श्रीविग्रहो का आगमन ब्रजधरा पर हुआ है। साथ ही भारत के कोने – कोने से हजारों की संख्या में भक्तजन वृन्दावन रस महोत्सव का साक्षी बनने आए।
वृंदावन से शुभम शर्मा की रिपोर्ट