कन्यापूजन के साथ मनाएं, श्रीराम जन्मोत्सव : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज

अलीगढ़ से तुषार शर्मा कि रिपोर्ट 

अलीगढ़। भारत देश की न्यायपालिका यानि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार देश में भव्य तरीके से श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है साथ ही इस बार नवरात्र प्रतिपदा के दिन घट स्थापना तीन राजयोगों और शुभ मुहूर्त में हुई रामनवमी तक खरीदारी के लिए सर्वार्थसिद्धि, पुष्य नक्षत्र, बुधादित्य, शोभन, पद्म और रवियोग जैसे खास मुहूर्त बने हैं। ग्रहों-नक्षत्रों के शुभ योग के कारण रामनवमी का पर्व इस बार बेहद खास होने जा रहा है,जिसमें प्रॉपर्टी, वाहन और नई चीजें खरीदने का शुभ अवसर है साथ ही इस साल नवरात्र कम-ज्यादा ना होने से भी देवी मां की विशेष कृपा बन रही है।

चैत्र नवरात्रि के अन्तिम दिन यानि रामनवमी के पावन पर्व पर शहर के प्रतिष्ठित ज्योतिर्विद एवं वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि आज का दिन बेहद शुभ रहेगा क्योंकि नौ वर्षों बाद आज ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। यह संयोग इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होगा। भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था।

संयोगवश इस दिन अश्लेषा नक्षत्र, लग्न में स्वग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, नवम भाव में सूर्य, दशम में बुध, कुम्भ का गुरु, शुक्र, मंगल है और दिन रविवार रहेगा। रवि योग के दौरान अगर सूर्य उपासना की जाए व आदित्य हृदय क्योंकि आज सूर्योदय से ही पुष्य योग प्रारम्भ हो चुका है रविवार का दिन होने से अत्यंत शुभ रवि पुष्य योग 24 घंटे तक रहेगा।

स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार इस वर्ष कुल चार रवि पुष्य होंगे, लेकिन 24 घंटे की अवधि वाला अत्यंत शुभ आज का ही है। चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा, अष्टमी और नवमी तिथि किसी नए काम की शुरुआत या बिक्री खरीदारी के लिए बहुत शुभ है,इन तिथियों पर किए गए शुभ कार्यों का लाभ इंसान को लंबे समय तक प्राप्त होता है।रामनवमी पर सुकर्मा और धृति योग भी बन रहा है। सुकर्मा योग आज से प्रारंभ होकर कल दोपहर 12:04 तक रहेगा,इसके बाद धृति योग शुरू होगा।नया कार्य शुरू करने या खरीदारी के लिए ये मुहूर्त भी बहुत शुभ होता है। पुष्‍य नक्षत्र में खासकर सोना-चांदी, भूमि-भवन और वाहनों की खरीदारी शुभ मानी जाती है। 

कन्या पूजन के लिए भी अष्टमी से रामनवमी पर्व श्रेष्ठ माना जाता है ऐसे में 2 से 10 साल की कन्याओं को हलवा पूरी एवं चने के साथ अन्य व्यंजनों एवं पकवानों को खिलाकर दक्षिणास्वरूप कुछ रुपये दान में देकर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

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