उत्तर प्रदेश के एक लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले नगरों में अब 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होगी। इससे अगले पांच साल में सभी बिजली वितरण कंपनियों को 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करनी पड़ेगी।
शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए डीजल जेनरेटर के स्थान पर नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप या इसी प्रकार की स्वच्छ प्रौद्योगिकी का प्रावधान किया जाएगा। महानगरों व शहरों को नो ट्रिपिंग जोन भी बनाना होगा। इसकी निगरानी राज्य विद्युत नियामक आयोग करेगा।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन करके ये प्रावधान किए हैं। यह संशोधन 21 अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रभावी हो गया है।अधिसूचना के अनुसार पूरे देश में उपभोक्ता औसत विद्युत व्यवधान आवर्ती सूचकांक बनेगा।
उपभोक्ताओं को व्यवधानरहित बिजली आपूर्ति करने की जिम्मेदारी वितरण कंपनी या लाइसेंसधारी की होगी। इस व्यवस्था को लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों के विद्युत नियामक आयोग को दी गई है जो इससे संबंधित विनियमावली बनाएंगे।