बिजली की बढ़ती मांग के बीच पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी इकाई हरदुआगंज तापीय परियोजना की सबसे बड़ी यूनिट 660 मेगावाट रविवार की दोपहर को बायलर टयूब लीकेज (बीटीएल) के चलते बंद हो गई। बंद होते ही 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी गिर गया। इससे पहले 21 अप्रैल को बायलर ट्रिपिंग के चलते यह यूनिट बंद हो चुकी है ।
बिजली का उत्पादन गिरने के चलते मांग को पूरा करने के लिए लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर शाम पांच बजे 110 मेगावाट की सात नंबर यूनिट को लाइट अप कर दिया गया। यह यूनिट दस अप्रैल से कोयले की कमी के चलते बंद पड़ी हुई थी ।
कोयला संकट एवं बिजली की मांग ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। छह हजार करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई नई 660 मेगावाट यूनिट ने कार्यदायी जापानी कंपनी की कार्यशैली पर उस समय एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया, जबकि यूनिट पूरे चार माह भी ठीक से नहीं चल सकीं ।
जानकारों के अनुसार नई यूनिट के बायलर टयूब लीकेज की घटना मामूली नहीं बताई जा रहीं है क्योंकि यूनिट निर्माण में टयूब अभी इतनी पुरानी भी नहीं हुई कि यह लीकेजिंग भी करने लगे ।