रस का सिंधु है श्रीमद्भागवत महापुराण : महन्त राघव दास महाराज

वृंदावन। वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ हो गया।केशीघाट से श्रीमद्भावत जी की शोभायात्रा कथा स्थल तक गाजे-बाजे के साथ निकाली गई।शोभायात्रा में तमाम महिलाएं 16 श्रृंगार किये हुए, पीत वस्त्र धारण किये व मंगल कलश सिर पर धारण किये नाचते-गाते हुये साथ चल रही थीं। साथ ही बैंड बाजों पर मंगल गान हो रहा था। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। 

व्यासासन पर आसीन वाराणसी स्थित सुदामा कुटी के महन्त राघव दास महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत एक ऐसा रस सिन्धु है जिसमें ज्ञान भक्ति और वैराग्य का समुच्चय है। इसे सभी पुराणों में सर्वोपरि माना गया है और “श्रीमद” शब्द के तिलक से अलंकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत भगवद तत्व का प्रकाश पुंज और हमारे जीवन को मंगलमय बनाने वाला ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ व्यक्ति को शांति और समाज को क्रांति देता है। साथ ही हमें इससे परम् सत्य की अनुभूति होती है। यह काल के भय से भी हम सभी को मुक्त कराता है। वस्तुतः इसका श्रवण, मनन और चिंतन, भक्ति प्रदाता है। यह भगवद प्राप्ति का सहज साधन है। 

इससे पूर्व श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के मुख्य यजमान वीरेन्द्र सिंह चौहान, गुरुविंदर सिंह खोखर, श्रीमती ममता चौहान व डॉ. किरण खोखर (ग्वालियर) आदि ने श्रीमद्भावत और व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया। 

इस अवसर पर श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी के अध्यक्ष श्रीमज्जगदगुरु नाभाद्वाराचार्य सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज, महन्त अमर दास महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महन्त जगन्नाथ दास महाराज, सन्त रामसंजीवन दास शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा, मोहन शर्मा,निखिल शास्त्री,नंदकिशोर अग्रवाल, भरत लाल शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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