राधे – राधे
॥ आज का भगवद चिन्तन ॥
प्रेरणा
हम दूसरों को प्रेरणा दें उससे पूर्व यह आवश्यक हो जाता है कि हम दूसरों से प्रेरणा भी लें। बिना प्रेरणा लिए जीवन प्रेरणादायक नहीं बन सकता। जिसमें कुछ सीखने की ललक होती है वही कुछ सिखाने की काबिलियत भी रखता है।
प्रेरणा पर्वत से लेनी चाहिए जिसके मार्ग में अनेक आंधी और तूफान आते हैं मगर उसके स्वाभिमान एवं मस्तक को नहीं झुका पाते। प्रेरणा लहरों से लेनी चाहिए जो गिरकर फिर उठ जाती हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचे बगैर रुकती नहीं। प्रेरणा बादलों से लेनी चाहिये जो समुद्र से जल लेते हैं और रेगिस्तान में बरसा देते हैं।
प्रेरणा हमें वृक्षों से लेनी चाहिए, फल लग जाने के बाद जिनकी डालियाँ स्वतः झुक जाया करती हैं। प्रेरणा उन फूलों से लेनी चाहिए जो खिलते भी दूसरों के लिए और टूटते भी दूसरों के लिए हैं। जो व्यक्ति प्रेरणा लेना जानता है उसका जीवन एक दिन स्वतः प्रेरणा दायक भी बन जाता है।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी
श्रीधाम वृन्दावन