चिंतन:जिसके पास मनोबल है,उसकी विजय भी निश्चित है…

 

राधे – राधे

आज का भगवद् चिन्तन

मनोबल
निश्चित ही मन के हारे हार है। मन के जीते जीत। यह बात कई बार आपके मुख से निकली होगी और बहुधा दूसरों के द्वारा भी सुनी होगी। जीवन का बहुत बड़ा रहस्य इस साधारण सी लोकोक्ति में छिपा है।

जिसका मन हार जाता है फिर चाहे दुनिया के कितने भी साधन और शक्ति उसके पास क्यों न हो वह जरूर पराजित होता है। कुछ न होते हुए भी जिसका मनोबल बना हुआ है वह एक दिन जरूर विजयी होता है। इंसान की वास्तविक ताकत तो उसका स्वयं का आत्मबल ही है। मनोबल से हीन व्यक्ति तो निर्जीव ही समझना चाहिए।

शरीर कितना भी हृष्ट पुष्ट हो एवं आसान सा कार्य हो लेकिन शरीर को कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाला तो मन ही है। सारे कार्य मन के द्वारा ही तो संचालित होते हैं। मन से कभी भी हार मत मानना, नहीं तो आसान सा जीवन कठिन हो जाएगा। जिसके पास मनोबल है, उसकी विजय भी निश्चित है।

संजीव कृष्ण ठाकुर जी
हरिद्वार उत्तराखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *