बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ हुई मारपीट,चौकी इंचार्ज ने मामले को दबाने का किया प्रयास
बांके बिहारी चौकी इंचार्ज ने मामले को दबाने के लिए लगाया एड़ी चोटी का जोर
वृंदावन । ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालु के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है बताया जाता है शुक्रवार की शाम जेवर निवासी पुनीत गर्ग अपने परिवार के साथ ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने वृंदावन आए थे। पूरा मामला बताते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद उन्होंने ₹600 देकर वीआईपी दर्शन करने की रसीद भी कटवाई। अत्याधक भीड़ में धक्का-मुक्की के चलते उनके 2 परिवारी जन वीआईपी गैलरी में नहीं आ पाए। जिनको अंदर लेने के लिए मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से उन्होंने कहा। लेकिन वहां पर उपस्थित कुछ गोस्वामी जनों को उनका बीआईपी पर्ची खरीदना अच्छा नहीं लगा क्योंकि वे खुद पैसे लेकर उन्हें दर्शन करवाना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने श्रद्धालु के साथ मारपीट कर उसकी शर्ट भी फाड़ दी। इसकी सूचना बांकेबिहारी चौकी इंचार्ज राजकुमार को उनके द्वारा दी गई। लेकिन चौकी इंचार्ज के द्वारा श्रद्धालु की शिकायत लिखने की जगह उसे समझौते के लिए दबाव बनाते नजर आए।
जब मीडिया कर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं से बात करने की कोशिश की गई तो चौकी इंचार्ज उक्त श्रद्धालुओं को मंदिर के कंट्रोल रूम में ले गए। जहां सीसीटीवी दिखाकर मारपीट करने वालों की पहचान करने की बात कहने लगे।
जब मीडिया कर्मियों में कंट्रोल रूम के अंदर प्रवेश करना चाहा तो उन्हें कंट्रोल रूम से बाहर कर दरवाजा लगा कर पर्दा डाल दिया गया। पूछने पर चौकी इंचार्ज ने मीडिया कर्मियों का कंट्रोल रूम में प्रवेश वर्जित बताया। लगभग 1 घंटे से भी ज्यादा समय तक वे श्रद्धालु को शिकायत न करने के लिए मनाते हुए नजर आए। निश्चित रूप से ऐसे पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से समझौता कर प्रभावशाली लोगों की चापलूसी करते नजर आते हैं।
ऐसे पुलिस कर्मियों का मीडिया कर्मियों के साथ व्यवहार बहुत ही गैर जिम्मेदाराना कहा जाएगा। उच्च अधिकारियों को चाहिए कि ऐसे पुलिस वालों पर सख्त कार्यवाही कर एक जिम्मेदार इंचार्ज को चौकी में नियुक्त किया जाए जो कि परेशान लोगों की शिकायत दर्ज कर उस पर कार्यवाही कर सकें ना कि आरोपियों को बचाने के लिए लीपापोती करें।