डंडई प्रखंड स्थित करके गांव में कागज पर पीएम आवास बनाकर पूरी राशि गबन करने का मामला प्रकाश में आया है।

डिजिटल भारत न्यूज़24×7 LiVE– संवाददाता- (बिपिन कुमार/ डंडई/ गढ़वा/ झारखण्ड)
डंडई:-
डंडई प्रखंड स्थित करके गांव में कागज पर पीएम आवास बनाकर पूरी राशि गबन करने का मामला प्रकाश में आया है। कागज पर बना आवास का एक लाख पच्चीस हजार रुपये भुगतान भी कर दिया गया है।मामला करके गांव के दामरटोला निवासी लाभुक रसीदा बीबी पति शहाबुद्दीन अंसारी की है। जिसका आवास का आईडी नंबर JH2119173 है। वही आवास महिला के नाम से है जबकि जियोटैग में दूसरे का घर और किसी अन्य पुरुष बरकत अंसारी का फोटो दिख रहा है ।

दूसरा पेमेंट के लिए यही फर्जी फोटो लगाया गया👆

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम आवास कागज पर ही निर्माण कर लाभुक के खाते में राशि का भुगतान किया गया है,जबकि लाभुक का पहले से ही एक बड़ा पक्का मकान बना हुआ है। इस बाबत लाभुक रशीदा बीबी से पूछने पर उनकेे द्वारा बताया गया कि गांव के ही बरकत अंसारी के द्वारा मेरे पीएम आवास का स्वीकृति प्रखंड के अधिकारियों से बातचीत कर करवाया गया था। जिसमें पहला किस्त की राशि ₹40000 तथा दूसरा किस्त की राशि ₹85000 खाते में आया था। जिस पर बरकत अंसारी बोलें कि आपको आवास नहीं बनाना पड़ेगा ।पुराना वाला आवास पर ही फाइनल हो जाएगा। यह कह कर उक्त राशि में से ₹75000 हमसे मांग लिए और बोले कि यह राशि पदाधिकारियों को देना है। ग्रामीण मंदीप सिंह, कामाख्या सिंह, साबिर अंसारी, इस्लाम अंसारी, मोहम्मदीन अंसारी ,विनोद यादव, उमेश यादव ,कमालुद्दीन अंसारी ,जमीर अंसारी, सुधीर यादव सहित अन्य ने इसका जमकर विरोध करते हुए बताया कि अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र में सक्षम परिवार को पीएम आवास देकर बिना आवास बनाए हुए सरकारी राशि का बंदरबांट खुलेआम किया जा रहा है। साथ ही बताया गया कि सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों का आवास बनाने के नाम पर संबंधित अधिकरी से लेकर कुछ दलालों ने अवैध रूप से अपना जेब भरने में तुले हुए हैं ।ग्रामीणों ने कहा कि यह एक घोर अनियमितता है। इसकी जांच होनी चाहिए । ग्रामीणों ने नम्रतापूर्वक गढ़वा उपायुक्त से इस आवास का जांच कराने की मांग कर दोषी लोगों के ऊपर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। मामले में पंचायत सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि मुझे जानकारी नहीं है कि वह आवास कैसे स्वीकृत हुआ और भुगतान कैसे हुआ। वही पीएम आवास के अकाउंटेंट अनूप कुमार बैठा ने बताया कि स्वयं सेवक के द्वारा भेजा गया फोटो को देखकर भुगतान कर दिया जाता है। इधर करके पंचायत के स्थानीय प्रभारी मुखिया अमरिका चौधरी ने बताया कि आवास की मामला गंभीर मामला है।उसकी जांच के लिए जिला के वरीय पदाधिकारियों के पास लिखित आवेदन देकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का मांग किया जाएगा।

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