सोनभद्र में राशन किट के नमक में जमकर हुआ खेल, श्रमिकों के निवाले को हजम करने की साजिश
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जिला संवाददाता- मुकेश कुमार द्विवेदी(राबर्ट्सगंज /सोनभद्र,उत्तर प्रदेश)
सोनभद्र, लॉकडाउन में विभिन्न प्रांतों से अपने गृह जनपद लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को राहत देने की सरकार के प्रयासों की जगह राशन किट में तथाकथित अधिकारियों व आपूर्तिकर्ता की मिलीभगत में जमकर खेल शुरू हो गया है। इसमें बड़े स्तर पर धन के बंदरबांट करने की योजना तैयार की जा रही है।
दरअसल, ये सारी हकीकत हम नहीं बल्कि श्रमिकों के बनाए गए किट के सामान व उसके बिल में दर्ज दाम साथ ही बाजार के मूल्य बयां कर रहे हैं। इसे आसानी से कोई अदना सा आदमी भी समझ सकता है। जनपद में ट्रांजिट प्वाइंट हैं जहां से श्रमिकों को घर भेजा जाता है। उस दौरान उन्हें खाद्य सामग्री किट दी जाती है।
सूत्रों की मानें तो जिले स्तर पर इसके लिए बनी समिति ने एक राशन किट का मूल्य 1210 रुपये निर्धारित किया। उसी के अनुसार आपूर्तिकर्ता को सामग्रियों की आपूर्ति करानी है। इसमें आटा, चावल, तेल, आलू, मसाला, पीसी हल्दी, अरहर दाल व नमक समेत कुल 10 सामान शामिल हैं। ये वाकया सजौर स्थित ट्रांजिट प्वाइंट का है, जहां टीम की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यहां किट में जो नमक दिया गया है वह लोकल है। यह नमक बाजार में अधिकतम पांच रुपये प्रति आधा किलो है जबकि आपूर्तिकर्ता द्वारा यही नमक सरकारी खजाने से 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लिया गया है। ऐसे में श्रमिकों के निवाले को हजम करने का बड़ा खेल खेला जा रहा है।
मिलीभगत का चल रहा है खेल
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए सरकार जो कुछ भी दे रही है उसमें सदर तहसील प्रशासन की मिलीभगत से खेल हो रहा है। राशन किट के लिए जो मूल्य निर्धारित है उसकी जांच करायी जानी चाहिए। बाजार मूल्य से महंगे दर पर भुगतान लेकर सस्ती और गुणवत्ता की कमी वाली सामग्री बांटी जा रही है। अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच करायी जाए तो पूरा की पूरा मामला उजागर हो जाएगा। तथाकथित अधिकारियों की उदासीनता के कारण सरकार की छवि खराब होती है।
हटा दिए सड़ा हुआ आलू
सजौर स्थित साईं हॉस्पिटल एंड कॉलेज आफ नर्सिंग में बने ट्रांजिट प्वाइंट से वितरित किए जाने वाले राशन किट में सड़े आलू की खबर प्रकाशित किया तो हरकत में आए प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर वहां से आलू ही हटवा दिया। एक दिन पहले तक परिसर में रखे सड़े आलू गुरुवार की दोपहर में नहीं थे। इतना ही नहीं यहां लगाए गए कर्मियों को बाहर की बजाय अंदर एक कक्ष में बैठा दिया गया। गत दिनों नेपाल व महाराष्ट्र से आए उन प्रवासी श्रमिकों को भी घर भेज दिया गया जो पड़ताल के दौरान मिले थे।
पूरे मामले की जांच करायी जाएगी
नमक हो या तेल खुले बाजार के रेट से ज्यादा कतई नहीं दिए जाएंगे। इस पूरे मामले की जांच करायी जाएगी। रही बात आलू के सडऩे की तो आलू अलग ही रखने के लिए कहा गया है। कुछ लाभार्थियों से भी पता कराया जाएगा।
–एस राजलिंगम, जिलाधिकारी, सोनभद्र।