नहीं आई एंबुलेंस, ऑटो से पहुंची अस्पताल
डिजिटल भारत न्यूज़24x7LiVE– जिला संवाददाता- मुकेश कुमार द्विवेदी-(राबर्ट्सगंज /सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)
सोनभद्र : जिले के दुरूह क्षेत्रों में लोगों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था लेने के लिए नाकों चना चबाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण जागरूक नहीं हैं। वे नियमों के तहत टोल फ्री नंबर पर फोन भी कर रहें लेकिन उन्हें सुविधा ही नहीं मिल रही है।
रामपुर बरकोनिया थाना के गिरिया गांव में सोमवार को हुई मारपीट में बाबी (35) पत्नी राधेश्याम घायल हो गई। परिजनों ने बाबी को अस्पताल ले जाने के लिए टोल फ्री 108 पर फोन किया। पहले तो एंबुलेंस भेजने की बात कही गई लेकिन करीब आधे घंटे बाद फोन आया कि गिधिया का रास्ता सही नहीं है और एंबुलेंस नहीं पहुंच सकता। इससे परिवार के सदस्य परेशान हो गए। उसके पति ने रामगढ़ स्थित एक परिचित को फोन कर ऑटो भेजने को कहा और पत्नी को गोद में लिए पगडंडी व कीचड़ से सने रास्ते पर निकल पड़े। वह घर से करीब डेढ़ किमी दूर आए थे कि ऑटो मौके पर पहुंची। वह बाबी को लेकर सोमवार को अपराह्न दो बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तियरा पहुंचा। यहां स्वास्थ्य कर्मियों की बदसलूकी का शिकार हो गया। बाबी को भर्ती ही नहीं लिया गया और यह कहते हुए जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी गई कि अस्पताल बंद हो चुका है। जबकि जिला अस्पताल, पीएचसी व सीएचसी में 24 घंटे आपातकाल सेवा बहाल रहती है। परेशान हलकान परिवार के लोग बाबी को रामगढ़ के एक प्राइवेट डाक्टर से उपचार शुरू कराएं। हजारों रुपये की दवा करने के बावजूद जब उसे फायदा नहीं हुआ को परिवार के लोग आटो से बाबी को लेकर मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। उसे भर्ती लेने के बाद उपचार शुरू हो गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि यह जांच का विषय है। इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। जांच कराई जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई भी होगी।